दिल्ली चुनाव में पर्यावरणीय प्राथमिकताएँ



























दिल्ली में लगभग 1.56 करोड़ मतदाता 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव में मतदान करने के लिए तैयार हैं। बिगड़ती वायु गुणवत्ता, यमुना नदी का प्रदूषण, और हरे-नीले (ग्रीन-ब्लू) इंफ्रास्ट्रक्चर के सिमटने की पृष्ठभूमि में पर्यावरणीय मुद्दे चुनावी वादों में एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुके हैं। सिविल सोसाइटी के बढ़ते दबाव और जन-जागरूकता ने भी इन मुद्दों को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है।
नीचे दी गई तालिकाएँ आप (AAP), भाजपा (BJP) और कांग्रेस (INC) द्वारा 2020 और 2025 के दिल्ली चुनावों में किए गए पर्यावरण-संबंधी वादों को दर्शाती हैं। ऐसे वादों का महत्व तब और बढ़ जाता है जब वर्ष 2024 रिकॉर्ड तोड़ तापमान और लगातार जलवायु आपदाओं का गवाह बना।



2024 – एक साल, चरम मौसम की घटनाओं का
• गर्मी: मई और जून में दिल्ली में 25 दिन अत्यधिक गर्मी के रहे, जहाँ रिकॉर्ड-तोड़ तापमान ने मानव स्वास्थ्य की सीमा को परखा।
• वायु प्रदूषण: 2024 में (27 दिसंबर 2024 तक) दिल्ली में 157 दिन ‘खराब’, ‘अत्यंत खराब’ या ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता के रहे, जहां AQI 200 से अधिक था। छह वर्षों में पहली बार, पूरे वर्ष में एक भी दिन ‘अच्छी’ वायु गुणवत्ता (AQI 50 से कम) दर्ज नहीं की गई।
• बाढ़: 2024 में मानसून के दौरान (जून से सितंबर) दिल्ली में 1029.9 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य (640.4 मिमी) से 61% अधिक थी। यह 1901 के बाद सातवां सबसे अधिक बारिश वाला मानसून था। अविराम बाढ़ से 11 लोगों की जान गई।
• जल प्रदूषण: यमुना नदी में प्रदूषण अभूतपूर्व स्तर पर बना हुआ है।
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जलवायु सहनशीलता में योगदान देने वाली प्रतिबद्धताएँ
BJP ने दिल्ली को बाढ़-मुक्त बनाने के लिए ₹700 करोड़ के निवेश की घोषणा की है। इसके तहत, वास्तविक समय डेटा का उपयोग करके बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली विकसित की जाएगी, जिससे शहरी बाढ़ की सटीक भविष्यवाणी कर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
