किन्नर निशा चौहान ने राज्यमंत्री रजनी रावत पर लगाया सारेआम हमले का आरोप




दिनांक 15 जून 2025 को देहरादून के सहस्त्रधारा रोड, निकट विश्वनाथ कॉलोनी में एक अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक घटना घटित हुई, जिसमें राज्य मंत्री राजनी रावत द्वारा अपने निजी गुंडा गिरोह के साथ मिलकर निशा चौहान (किन्नर) तथा उनके साथ मौजूद अन्य 5 लोगों पर सरेआम हमला किया गया।
यह घटना न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों पर आघात है, बल्कि कानून व्यवस्था की भी खुली अवहेलना है। यह विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि निशा चौहान को उत्तराखंड हाईकोर्ट से सुरक्षा प्राप्त है, बावजूद इसके उन पर हमला किया गया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
शिकायत के अनुसार, शाम 5:00 से 6:30 बजे के बीच जब निशा चौहान, बनी राणा, अदिति शर्मा, तनु , सूमी राजपूत, आदि लोग सहस्त्रधारा रोड की ओर जा रहे थे, तभी राजनी रावत और उनके समर्थकों ने तीन गाड़ियों में आकर उनकी गाड़ी को घेर लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा। घटना का वीडियो भी मौके पर उपस्थित लोगों द्वारा रिकॉर्ड किया गया है, और इस संबंध में रिपोर्ट थाना व रायपुर में दर्ज की जा चुकी है।

यह कोई पहली बार नहीं है जब राजनी रावत उर्फ राम बहादुर (जो मूल रूप से नेपाल निवासी है) ने देहरादून में इस प्रकार की हिंसक और आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया है। उनका आतंक शहर में लगातार बढ़ता जा रहा है।
सबसे गंभीर चिंता का विषय यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा ऐसे व्यक्ति को मंत्री पद कैसे सौंप दिया गया? क्या सरकार ऐसे अपराधियों को संरक्षण देकर समाज को अस्थिर करने की दिशा में बढ़ रही है?
हम निम्नलिखित मांगे करते हैं:
1. राजनी रावत व उनके गिरोह के खिलाफ त्वरित एवं सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
2. घटनास्थल एवं संबंधित पुलिस थानों के सभी CCTV कैमरों की रिकॉर्डिंग तुरंत सुरक्षित (प्रिज़र्व) की जाए ताकि साक्ष्य नष्ट न हो सकें।
3. पीड़ितों को तत्काल पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए।
4. राजनी रावत को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।
5. पूरी घटना की न्यायिक जांच करवाई जाए।
इस हमले के बाद देहरादून के ट्रांसजेंडर समुदाय में भारी दहशत और असुरक्षा का माहौल है। यदि समय रहते न्याय नहीं मिला, तो हम लोकतांत्रिक ढंग से व्यापक विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

