July 7, 2025

कहीं आप जरूरत से अधिक मीठा तो नही खा रहे है? कैसे करें शुगर कंट्रोल जाने इस खास खबर में

भारत देश के अंदर जितने मीठे पकवान बनते हैं उतने तो शायद दुनियाभर में भी ना बनते हों। हमारे देश के ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों में भी जन्मदिन हो शादी या अन्य कोई समारोह इन सभी के अंदर कुछ ना कुछ मीठा जरूर होता है। यही नहीं खाने के बाद अक्सर हमें कुछ ना कुछ मीठा खाने को चाहिए होता है। इन सभी मीठे पदार्थों के अंदर टेबल शुगर, ग्रेन्यूलेटेड शुगर या रेगुलर शुगर का उपयोग किया जाता है।
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के स्पॉन्सरशिप में प्रकाशित द इंडियन जर्नल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन के एक शोध में भारत के अंदर चीनी की लत कितनी खतरनाक स्तर पर है इस बात का जिक्र किया गया है। हाल ही में हुए इस अध्ययन के लेखक राजीव दासगुप्ता, राकेश पिल्लई, राकेश कुमार और नरेंद्र के अरोड़ा माइकल मॉस द्वारा ‘साल्ट शुगर फैट’ को लेकर उल्लेख किया है। इस लेख के अंदर चीनी और तंबाकू के संदर्भ पर बात की गई है। आपको शायद पता ही न हो कि चीनी और तंबाकू दिमाग में एक ही तरह के रसायन के उत्पादन का कारण होते हैं। जिसे डोपामाइन कहा जाता है। यही नहीं भारत में चीनी का सेवन रिकॉर्ड स्तर पर किया जाता है जो बहुत डरा देने वाला है।

भारत के अंदर 2010 में ही प्रति व्यक्ति चीनी की खपत लगभग 55 ग्राम तक पहुंच चुकी है। जबकि सन 2000 में यह खपत महज 22 ग्राम प्रति व्यक्ति पर थी। इसका सीधा अनुमान बताता है कि भारत के अंदर हर साल एक व्यक्ति लगभग 18 किलोग्राम चीनी का सेवन करता है। यही नहीं भारत के अंदर हर साल होने वाली 80 प्रतिशत मृत्यु की वजह मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग हैं। यह सभी रोग कहीं न कही चीनी से जुड़े हुए हैं।

भारत के अंदर दुनिया में सबसे ज्यादा टाइप 2 डायबिटीज के मरीज है। अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक साल 2017 के अंदर भारत में 72 लाख डायबिटीज के मामले रिकॉर्ड किए गए थे। अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह मामले 2045 तक लगभग दोगुने हो जाएंगे। दरअसल टाइप 2 डायबिटीज को साधारण भाषा के अंदर शुगर ही कहा जाता है। यह खराब जीवन शैली और बेकार के खानपान की वजह है।

हम सभी को मीठे में बहुत कुछ पसंद होता है। लेकिन असल में शरीर के लिए एक दिन में कितना मीठा खाना जरूरी होता है। विशेषज्ञों की माने तो खुद को मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारी से बचने के लिए खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सीमित सेवन करें। ध्यान रहे कि आपको उन पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिनमें नेचुरल शुगर मौजूद हो, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि।

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