April 16, 2024

कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न की जागरूकता के लिए कार्यशाला का आयोजन किया।

 

प्रोग्रेसिव यूनिवर्स आफ एन एल पी और सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसायटी के संस्थापक डॉ पवन शर्मा (द साइकेडेलिक) द्वारा महिला कर्मचारियों को कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न की जागरूकता के लिए कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में डॉ पवन शर्मा ने बताया कि तीन में से एक महिला कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न को किसी ना किसी रूप में अनुभव करती है। ये उत्पीड़न कई तारक के हो सकते हैं, जैसे, मौखिक, शारीरिक, मानसिक, ऑनलाइन आदि। उत्पीड़न की शिकार महिला कर्मचारी को तनाव, हताशा, अवसाद, चिंता, कुंठा, आघात, शर्मिंदगी, जैसी कई मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इस तरह की हरकत उनके पेशेवर उत्पादन क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। डॉ. पवन शर्मा ने ऐसी परिस्तिथियों से बचने के उपाय बताए और ऐसी घटनाओं के आघात से उबरने के लिए मानसिक उपायों को भी बताया। साथ ही कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न के बचाव कानून (पॉश ऐक्ट) 2103 के बारे में भी जानकारी दी। इस कार्यशाला में सामाजिक कार्यकर्ता भूमिका भट्ट, विभा भट्ट, पूनम नौडियाल, राहुल भाटिया और एडवोकेट कुलदीप भारद्वाज ने भी कई सुझाव साझा किए और प्रतिभागियों के सवालों के जवाब में समाधान दिये और मार्गदर्शन किया। फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसायटी महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों के बचाव के लिए निशुल्क कानूनी सलाह और मदद प्रदान करती है।

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