March 29, 2024

विदेशी मुद्रा रखने के मामले में विधायक उमेश कुमार की होगी जांच

नई दिल्ली/देहरादून। विदेशी मुद्रा रखने के मामले में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की जांच होगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पूर्व भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह के पत्र का संज्ञान लेते हुए विदेशी मुद्रा रखने के मामले में खानपुर विधायक उमेश कुमार के खिलाफ जांच के आदेश किये हैं। विदेशी मुद्रा रखने के मामले में जरूरी कार्रवाई व जांच के बाबत केंद्र सरकार ने ईडी समेत अन्य सम्बंधित विभागों को भी सूचित किया है।
इस ताजे पत्र के बाद शासन के अगले कदम पर निगाहें टिक गई गई है। पूर्व भाजपा विधायक चैंपियन ने इसकी सीधी शिकायत प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में की थी।
गौरतलब है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में दिए गए सम्पत्ति के विवरण में उमेश कुमार ने 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति का उल्लेख किया था। उमेश कुमार से ज्यादा सिर्फ सतपाल महाराज की ही सम्पत्ति का उनके शपथ पत्र में जिक्र था।
राजनीतिक जंग ने अख्तियार की नयी शक्ल
इस बीच, विदेशी मुद्रा का जिन्न बाहर निकलते ही पूर्व भाजपा विधायक चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की जारी जंग ने नया रूप ले लिया है। उमेश कुमार के घर से 39.79 लाख भारतीय रुपये, 6279 अमेरिकन डॉलर और 11030 थाई करेंसी बरामद हुई थी।
प्रणव चैंपियन के दिसंबर 2022 को लिखे पत्र पर पीएमओ आफिस ने लगभग 4 महीने बाद गम्भीर कदम उठाते हुए सम्बंधित विभाग को जांच के आदेश किये। प्रधानमन्त्री कार्यालय के बाद हरकत में आये वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में अनुसचिव जेवियर टोप्पो ने 29 मार्च को इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्य सचिव को जरूरी कार्रवाई के लिए लिखा है।
पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने इसकी शिकायत पीएमओ से की थी, जिस पर विधायक उमेश कुमार के खिलाफ उत्तराखंड के मुख्य सचिव के साथ ही केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, इनकम टैक्स के कमिश्नर के साथ ही ईडी के डायरेक्ट को जांच के आदेश दिए हैं।
चैंपियन के 2 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने विधायक उमेश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाने के साथ उससे जुड़े साक्ष्य भी संलग्न किये थे।
उमेश कुमार की गिरफ्तारी के बाद पुलिस आवास और कार्यालय में की गई छापेमारी में कई संपत्तियों के कागजात के साथ ही 39.79 लाख भारतीय रुपये, 6279 अमेरिकन डॉलर और 11030 थाई करेंसी बरामद हुई थी।
देहरादून की तत्कालीन एसएसपी निवेदिता कुकरेती की ओर से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तत्कालीन अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था को भी भेजी गई थी। तत्कालीन प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन की ओर से इस मामले की इमकम टैक्स से जांच के लिए आयकर विभाग और ईडी को पत्र लिखा गया था।

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