श्रद्धा, प्रेम और भक्तिभाव से मनाया श्री भोले जी महाराज का पावन जन्मोत्सव



Celebrated the holy birth anniversary of Shri Bhole Ji Maharaj with reverence, love and devotion.
नई दिल्ली। आध्यात्मिक गुरु, समाजसेवी एवं द हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत श्री भोले जी महाराज का पावन जन्मोत्सव श्री हंसलोक आश्रम, दिल्ली में बड़ी ही श्रद्धा, प्रेम और भक्तिभाव के साथ मनाया गया। इस मौके पर हंस ज्योति-ए यूनिट आफ हंस कल्चरल सेंटर द्वारा आयोजित दो दिवसीय जनकल्याण समारोह में देश के अनेक धर्माचार्यों, विभिन्न सामाजिक तथा राजनैतिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों एवं गणमान्य लोगों ने श्री भोले जी महाराज को उत्तम स्वास्थ्य, यशस्वी एवं दीर्घायु होने की शुभकामनाएं दीं।
आध्यात्मिक विभूति माता श्री मंगला जी ने जनकल्याण समारोह उपस्थित भक्त समाज और संत-महात्माओं की ओर से श्री भोले जी महाराज को यशस्वी और दीर्घायु होने की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने योगीराज श्री हंस जी महाराज एवं माता श्री राजेश्वरी देवी की प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक होकर प्रार्थना करते हुए कहा कि वे श्री भोले जी महाराज को अपनी शक्ति और आशीर्वाद प्रदान करें जिससे वे स्वस्थ रहकर निरंतर अध्यात्म ज्ञान के प्रचार तथा मानव सेवा के कार्यों को आगे बढ़ाते रहें। माता श्री मंगला जी ने कहा कि श्री भोले जी महाराज सरल, सौम्य और मृदुभाषी स्वभाव के हैं। उनका भोलापन और सादगी अनायास ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है।



माता श्री मंगला जी ने कहा कि अपने लिए तो सभी जी लेते हैं लेकिन सच्चे संत-महापुरुष वहीं होते हैं जो समाज की भलाई के लिए, लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि श्री भोले जी महाराज हमेशा अध्यात्म ज्ञान प्रचार, परोपकार तथा मानव सेवा के कार्यों में लगे रहते हैं। श्री भोले जी महाराज के मार्गदर्शन में द हंस फाउंडेशन, हंस कल्चरल सेंटर तथा श्री हंसलोक जनकल्याण समिति द्वारा देश के अनेक राज्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण आदि समाज सेवा के कार्य किये जा रहे हैं।
समारोह में परमपूज्य श्री भोले जी महाराज ने कहा कि मनुष्य जन्म अनमोल है। इसमें भगवान के सच्चे नाम को जानकार भजन-सुमिरण करना चाहिए। उन्होंने–तेरा जन्म-मरण मिट जाए, हरि का नाम सुमरि प्यारे तथा मानुष जन्म अनमोल रे, माटी में ना रोल रे, आदि भक्तिभाव के भजन प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से आये अनुभवी संत-महात्माओं ने भी सत्संग विचारों से श्रद्धालु-भक्तों को आत्मलाभ प्रदान किया। सुप्रसिद्ध भजन गायक महेश लखेड़ा एवं मथुरा के कालीचरण पटाखा ने मंगलध्वनि के साथ मंगलगीतों की प्रस्तुति की। इस मौक़े पर संस्था के अनुभवी डाक्टरों के मार्गदर्शन में निःशुल्क चिकित्सा शिविर भी लगाया गया, जिसमें हजारों लोगों ने स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया। समारोह में श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारा का भी आयोजन किया गया।
