एनजीटी के निदेशों पर वन कब्जाधारियो को जारी नोटिस जारी होने के बाद आन्दोलन की तैयारी में वन भूमिकब्जाधारी



बीते साल चमोली जनपद के 104 स्क्वायर किलोमीटर वन भूमि पर कब्जा की खबर प्रकाशन में आने के बाद एनजीटी ने इसका गंभीरता से संज्ञान लेते हुऐ वन विभाग को अतिक्रमण हटाने के सख्त निदेश दिए गये थे। जिस पर बद्रीनाथ वन प्रभाग के द्वारा अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर खुद ही अतिक्रमण हटाने की तिथि 25 अप्रैल तक तय की गई है। इस नोटिस के जारी होने से अतिक्रमणकारियों में अफरातफरी का मौहाल बना हुआ है। जिसके लिए उन्होंने राज्य सरकार से अतिक्रमण न हटाये जाने के संबंध में प्रर्दशन भी किया है। वनभूमि कब्जाधारियो का कहना है कि वह कई दसको से इन स्थानो पर रह रहे है एनजीटी के आदेश के बाद उन्हे हटने के नोटिस दिये गये है वह अब अचानक कहां जायेगे । राज्य सरकार उनकी व्यवस्था करे नही तो वह आन्दोलन करेंगे।



इस प्रकरण पर बद्रीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे का कहना है कि बद्रीनाथ वन प्रभाग में 937 हेक्टेयर वन क्षेत्र पर 1979 लोगों ने कब्जा किया है। जिसमें एक ही परिवार के 3 से 4 लोग है। चमोली जनपद में देवाल में 600 लोगों ने वन भूमि पर कब्जा किया है वही थराली में 473,नंदप्रयाग में 108, नारायणबगढ़ में13 व चमोली कस्बे में 595 लोगों ने वन भूमि पर कब्जा किया है। कब्जाधारियो को वन भूमि खाली कराने के आदेश जारी किय गये है,अन्यथा उनके खिलाफ बेदखली की कार्यवाही की जायेगी।
वन भूमि कब्जाधारियो ने देवाल में वन विभाग द्वारा जारी नोटिस के खिलाफ आन्दोलन की तैयारी कर ली है जिसमे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इन्हे समर्थन दे रही है।
भाकपा नेता मदन मिश्रा का कहना है कि ये लोग बीते कई सालो से इस वन भूमि मे रह रहे है राज्य सरकार को अब इन लोगो को यह जमीन सौप देनी चाहिए।
गौरतलब है कि वन भूमि पर 104 स्क्वायर किलोमीटर कब्जा किया गया है। जो दिल्ली के क्षेत्रफल से अधिक है। इस अतिक्रमित वन भूमि पर कई स्थानों पर स्कूल,आंगनबाड़ी व घर बने बने हुए है। जो कई दशको से अतिक्रमित है।
