भागवत कथा के आश्रय मात्र से ही जीवन की दिशा व दसा सुधर जाती है:नीलकंठ जी महाराज



महाराष्ट्रःदक्षिणमुखी हनुमत टेकडी जोडवाडी, औरंगाबाद महाराष्ट्र मे सद्गृहस्थ संत पण्डित पूज्य मुरली धर जी महाराज की पांचवीं पुण्य तिथि पर आयोजित दिब्य श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन प्रसिद्व कथा वाचक नीलकंठ जी महाराज ने कई कथाओं के प्रसंग व प्रवचन दिए। भागवत कथा के दौरान उन्होनें श्रोताओं कों बताया कि वेद ब्यास जी का नारद जी से मिलना और भक्ति ज्ञान की चर्चा करके वेद ब्यास के मन की शंका का निराकरण करके भगवान को अपने दृष्टि में बसाने का संकेत और तब वेद ब्यास ने अपने दृष्टि में भगवान को बसाया। जिसके फल स्वरूप सांसारिक जीव को जीने के लिए श्रीमद्भागवत को प्रकट करके सभी को भक्ति से ओत प्रोत किया,आज भी जो भागवत का आश्रय लेता है उसके जीवन को एक नयी दिशा प्राप्त हो जाती हैं।
भागवत कथा के दौरान सुनील शास्त्री, कालिका प्रसाद सती, नाद्रे पाटील,भीमा भानुसे, रामसिंह नायमने, भास्कर राव आदि उपस्थित थे।
