नयी शिक्षा नीति लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य : रविनाथ रमन (आई.ऐ.एस)


• शिक्षा महानिदेशक बंसीधर तिवारी , जिला शिक्षा अधिकारी मुकुल सती भी रहे उपस्थित्त
• द इंडियन कैम्ब्रिज स्कूल, देहरादून, दून इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ऋषिकेश, गुरु नानक गर्ल्ज़ पब्लिक स्कूल के छात्रों के साथ किया संवाद
देहरादून , 15 अक्टूबर : सरस मेले में , आपका बिज़नेस सोल्यूशेंस द्वारा आयोजित “सोशल अवयेरनेस प्रोग्राम” के आखिरी दिवस के प्रथम चरण में, शोध एवं विकास विशेषज्ञ और आपका बिज़नेस सोल्यूशेंस की संस्थापिका डॉ. कंचन नेगी ने ‘द इंडियन कैम्ब्रिज स्कूल, देहरादून, दून इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ऋषिकेश, गुरु नानक गर्ल्ज़ पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए, उन्हें सर्व शिक्षा अभियान, नयी शिक्षा नीति, करियर गईडेस, पर्सनेलिटी डेवेलपमेंट और समाज में शिक्षा का महत्व के बारे में बच्चों को जानकारी दी , जिसके उपरांत सभी विद्यार्थियों ने “सर्व शिक्षा अभियान, राईट टू एजुकेशन, गर्ल एजुकेशन इज़ मस्ट, एजुकेशन इज़ द की टू सक्सेस” विषयों पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया.
वहीं दूसरी ओर, सोशल अवयेरनेस कार्यक्रम के दूसरे चरण में ,मुख्य अतिथि रहे सचिव शिक्षा रविनाथ रमन और विशिष्ट अतिथि रहे शिक्षा महानिदेशक बंसीधर तिवारी और जिला शिक्षा अधिकारी मुकुल सती, जिन्होंने सोशल अवयेरनेस प्रोग्राम में उपस्थित बच्चों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया और उनके प्रश्नों के उत्तर दिए.
सचिव शिक्षा रविनाथ रमन ने अपने सम्बोधन में कहा कि अत्यंत गर्व की बात है कि नयी शिक्षा नीति लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है और आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका कक्षाओं में बच्चों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाया जाएगा। यही नहीं, उन्होंने बच्चों को सिविल सर्विसेज़ की तैयारी कैसे करें , इस पर भी टिप्स दिए और कहा कि सच्ची मेहनत और लगन से ही गन्तव्य तक पहुंचा जा सकते है. उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी कोचिंग नहीं ली, बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनिय्ररिंग करने के बाद बिना किसी कोचिंग के , पहले बार में ही सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा में सफलता पाई. उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि सर्व शिक्षा अभियान का कार्यान्वयन वर्ष 2000-2001 से किया जा रहा है जिसका उद्देश्य सार्वभौमिक सुलभता एवं प्रतिधारण, प्रारंभिक शिक्षा में बालक-बालिका एवं सामाजिक श्रेणी के अंतरों को दूर करने तथा अधिगम की गुणवत्ता में सुधार हेतु विविध अंत:क्षेपों में अन्य बातों के साथ-साथ नए स्कूल खोला जाना तथा वैकल्पिक स्कूली सुविधाएं प्रदान करना, स्कूलों एवं अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का निर्माण किया जाना, प्रसाधन-कक्ष एवं पेयजल सुविधा प्रदान करना, अध्यापकों का प्रावधान करना, नियमित अध्यापकों का सेवाकालीन प्रशिक्षण तथा अकादमिक संसाधन सहायता, नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें एवं वर्दियां तथा अधिगम स्तरों/परिणामों में सुधार हेतु सहायता प्रदान करना शामिल है.
और इसीके साथ उन्होंने इस आयोजन की भी बेहद प्रशंसा की और साथ ही उपस्थित , शिक्षा महानिदेशक बंसीधर तिवारी और जिला शिक्षा अधिकारी मुकुल सती ने भी बच्चों को प्रोत्साहित किया. अंत में, शोध एवं विकास विशेषज्ञ , डॉ. कंचन नेगी ने मुख्य अतिथि , विशिष्ट अथितियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया.