भगवान के नजदीक बैठना ही उपासना: आचार्य ममगांई









चमोली/बद्रीनाथ


भारतीय धर्मशास्त्र व ऋषि मनीषियों की आज्ञा पूजा उपासना की होती है उप मनी नजदीक आसन यानी बैठना भगवान के नजदीक बैठना ही उपासना है यह बात बद्रीनाथ धाम भारत सेवाआश्रम में स्वर्गीय कैप्टिन निशांत नेगी की पुण्य स्मृति आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के चतुर्थ दिन भक्तों को सम्बोधित करते हुए ज्योतिष्पीठ व्यास कथावाच आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ने कही कहा कि
यह दिखाई देने वाला जगत फैलता जा रहा है और दूसरी ओर से यह सिकुड़ता भी जा रहा है। लाखों सूर्य, तारे और धरतीयों का जन्म है तो उसका अंत भी। जो जन्मा है वह मरेगा। सभी कुछ उसी ब्रह्म से जन्में और उसी में लीन हो जाने वाले हैं। यह ब्रह्मांड परिवर्तनशील है। इस जगत का संचालन उसी की शक्ति से स्वत: ही होता है। जैसे कि सूर्य के आकर्षण से ही धरती अपनी धूरी पर टिकी हुई होकर चलायमान है। उसी तरह लाखों सूर्य और तारे एक महासूर्य के आकर्षण से टिके होकर संचालित हो रहे हैं। उसी तरह लाखों महासूर्य उस एक ब्रह्म की शक्ति से ही जगत में विद्यमान है जैसे चित स्वभाव से आक्रामक है वैसे ही मनुष्य स्वभाव से विनम्र है उसका ह्रदय सदगुणों से भरा है अतः पशुओं से भिन्न है कीचड़ से ही कमल खिलता है ह्रदय में सद्गुणों का कमल है बस शरीर के कीचड़ में कमल खिलना है जिस दिन ऐसा हुआ उस दिन शरीर को संसार से मुक्ति मिलेगी कीचड़ गया कमल रह गया उसकी सुगन्ध अर्थात पुण्य से पाप का नाश होता है ।
आत्मबोध से पुण्य पाप दोनों से मुक्ति मिल जाती है शरीर मन बुद्धि का कचरा साफ हो जाता है और रह जाता है अद्वेत तत्व विसुद्ध चिन्मय आत्मा सत्वम विशुध्म वसुदेव शब्दितम शुद्ध सत्व से परिपूर्ण व्यक्ति ही वासुदेव व पवित्र देवमयी बुद्धि का नाम देवकी है इन दोनों के संयोग से ही जीवन मे परब्रह्म का प्राकटय होता है ।
कृष्ण जन्म के प्रसंगो को श्रवण करते हुए नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की आदि भजनों पर झूमते हुए भक्त गणों से खचाखच भरा पंडाल माखन मिश्री के वातावरण से ओत प्रोत के साथ आज विशेष पुष्कर सिंह नेगी रेखा नेगी आस्था महेरा मधुर मेहरा जीनियस सुदर्शन रावत उर्मिला पटवाल मेहरबान सिंह देवेन्द्र चन्द्र मोहन ममगांई डाक्टर हरीश गौड़
विशेष रूप से पुष्कर सिंह नेगी , रेखा नेगी , आस्था नेगी, पुष्पा सुंदरियाल वनिता चौहान बिना डिमरी, विनोद डिमरी श्रीराम अधिशासी अभियन्ता गोपेश्वर पटवाल विजया देवी सती विजया देवी मोल्फा माया देवी मोल्फा चन्दा राणा मधुर मैहेर विरेन्द्र नेगी र सुमित्रा नेगी संजय सिंह विष्ट शुभम नेगी पूर्णिमा विष्ट रविंद्र डाक्टर हरीश गौड़ सिंह नेगी सुनिता नेगी ममता नेगी आदि सम्मलित हुए