मंडल घाटी में महोत्सवः कलश यात्रा के साथ लक्षहोम यज्ञ व देवी भागवत का हुआ शुभारंभ
गोपेश्वर मंडलः पुत्रदायिनी माता अनुसूइया के रथ डोली मंदिर स्थल मण्डल में लक्ष होम एवं देवी भागवत के शुभारंभ से पहले अनुसूइया माता मंदिर प्रवेश द्वार से लेकर देव डोली व महिलाओं द्वारा पीत वस्त्र में हजारों की संख्या में सिर पर कलश लेते हुए ढोल की थाप के साथ कलश यात्रा निकाली गई।
प्रधान आचार्य डॉक्टर प्रदीप सेमवाल ने गणपति देवताओं की स्थापना के बाद यज्ञ का प्रारंभ किया यज्ञ मंडप में कई ब्राह्मणों के द्वारा यज्ञ आहुतियां दी गयी।
वही कथा स्थल देवी भागवत कथा का शुभारम्भ करते हुए आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने कहा माता अनुसुइया ने अपने सतीत्व धर्म से ब्रह्मा विष्णु महेश को 6 महीने तक गोद खिलाया यह वही स्थल है जहाँ निःसंतान दम्पति आकर पुत्र प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं व संतति प्राप्त करते हैं।
भारत वह देश है जहाँ नारियों का सतीत्व व मातृत्व आज भी पति पुत्र और समाज का रक्षण करने वाला है नारी शक्ति के बिना नर का अस्तित्व नही वहीं जितने भी महापुरुष हुए उनके पीछे नारी का हाथ व जितनी भी सन्तान कामयाबी हासिल करते हैं उनके पीछे मां का हाथ होता है।
देवी भागवत 18 हजार श्लोक 12 स्कन्ध से युक्त कर्म परक है भुक्ति मुक्ति सुख सौभाग्य देने वाली तथा विश्व शांति व अनेक रोग आदि विघ्नों को दूर करने वाला है जो भी इसका श्रवण करे वहा किसी प्रकार का कोई दोष नही होता है।
यह उत्तराखंड की धरा है जो देवभूमि नाम से जानी जाती है यहाँ पर हर सिद्धि प्राप्त होने पर देवता ऋषि भी तप करते हैं जो हमेशा चला आया चलता रहेगा।
वही धर्म सनातन है एकता के सूत्र में बंधने की प्रेरणा देता है हमारी भूमि पवित्र माटी स्थान पर अपनी पवित्रता जहाँ पंच केदार पंच बद्री गोपीनाथ केदारनाथ बद्रीनाथ अनुसुइया आदि यहाँ पर लोग पवित्र भावना से आते हैं ।
कोरोना जैसी महामारी से छुटकारा पाने हेतु मंडल घाटी के लोगो ने दिव्य यज्ञ व कथा का आयोजन किया विश्व शांति सरस जीवन दिव्यता को प्राप्त करने के लिए पुराणों का श्रवण वातावरण शुद्धि के लिए हवन हम जब जब आत्म दमन भक्ति का रास्ता चुनते हैं। सामाजिक कार्य करने के लिए आगे बढ़ते हैं तो आत्मिक शांति मिलती है यही मनुष्य का कर्तब्य है।
विशेष रूप से आचार्य प्रदीप सेमवाल ने कहा कि यह यज्ञ 4 से 13 तारिक़ तक चलेगा अधिक से अधिक लोगो को आकर पुण्य अर्जन करना चाहिए वही पूजन कार्य मे सम्मिलित समिति के अध्यक्ष विनोद राणा रथ डोली के अध्यक्ष भगत सिंह विष्ट पूर्व अध्यक्ष बी एस झिक्वाण सचिव दिगम्बर सिंह हरेंद्र सिंह धीरेंद्र सिंह कुंवर सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।