श्री नंदादेवी राजजात यात्रा समिति ने की तैयारियां तेज,बैठकों का दौरा जारी।




हिमालय सचल कुंभ के नाम से देश,प्रदेश व दुनियां में प्रसि़द्ध श्री नंदादेवी राजजात यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के र्निदेशो के बाद श्री नंदादेवी राजजात यात्रा की तैयारियां में तेजी देखी जा रही है। जिसमें सड़कों के सुधारीकरण,पेयजल,स्वास्थ्य व भारी संख्या में इस राजजात यात्रा में पधारने वाले श्रद्धालुओं के रहने व खाने की व्यवस्थाओं के लिए बैठकें की जा रही है। इस संबंध में श्री नंदादेवी राजजात यात्रा समिति के द्वारा लाटूधाम वाण से लेकर कर्णप्रयाग तक संबधित मुख्य पड़ावों पर आम जनता व मंदिर समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर यात्रा व्यवस्थाओं के सुधारीकरण व सुझावो पर चर्चा की गई।
वही श्री नंदादेवी राजजात यात्रा समिति के अध्यक्ष प्रो. राकेश कुवंर का कहना है कि श्री नंदादेवी राजजात यात्रा के मुख्य पड़ावों पर व्यवस्थाओं के प्लान बनाये जा रहे है साथ ही आवश्यक प्रस्तावो पर जल्द धन आवंटन हो इसके लिए जल्द प्रस्ताव शासन को भेजे जा रहे है।

श्री नंदादेवी राजजात यात्रा की व्यवस्थाओं को किस प्रकार से धरातल पर उतारा जाय जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो इसके लिए श्री नंदादेवी राजजात यात्रा समिति के महासचिव भुवन नौटियाल अभी से कार्ययोजना बनाने में जुट गये है। वही भुवन नौटियाल का कहना है कि लगातार दो दिन से बाण,मुन्दोली,फल्दिया,नंदकेशरी,चेपणों,कुलसारी आदि गांव के मंदिर समितियो व गणमान्यो लोगों के सुझाव लिए जा रहे है। ताकि सीएम की कार्ययोजना को धरातल पर उतारा जा सके।
श्री नंदादेवी राजजात यात्रा में कुलसारी मॉ दक्षिण काली मंदिर ससुराल पक्ष का प्रथम पड़ाव है। जहां से नंदादेवी राजजात यात्रा की तिथियां तय होती है। वही मंदिर समिति कुलसारी के सचिव खिलाफ बिष्ट का कहना है कि हम चाहते है कि, यह यात्रा सुखी सुचारू रूप से संम्पन्न हो। यहां की समस्याओं के बारे में शासन व प्रसाशन को अवगत कराया गया है।
श्री नंदादेवी राजजात यात्रा में नंदकेशरी सबसे मुख्य पड़ावों में से एक है जहां कुमांउ व गढ़वाल की सभी देवडोलियो का मिलन होता है। मंदिर समिति के पुजारी लखन रावत का कहना है कि यहां पर मां नंदा की कुमांउ से 7 बहिनों का मिलन होता है। जिसके कारण यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। हम चाहते है कि यहां अस्थाई टायलेट,टैन्ट हाउस व पार्किग की उचित व्यवस्था की जाय।
आपको बता दें कि 2026 में प्रस्तावित मां नंदादेवी राजजात यात्रा के शुभारंभ में अब सिर्फ 14 माह का समय रह गया है। लेकिन शासन प्रसाशन के लिए सबसे बड़ी चुनौती सड़को के सुधारीकरण का है जिसे इतने कम समय में धरातल पर उतारना आसान नहीं है।

