प्रभु स्मरण से जीवन धन्य हो जाता हैःपीठाधीश्वर योगेश चन्द्र गौनियाल





देहरादूनःसमृद्धि एनकलेव बुडाकोटी बन्धुओं एवं रामचरित मानस प्रचार समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में पीठाधीश्रवर योगेश चन्द्र गौनियाल ने कथा वाचन के दौरान श्रौताओं से काम क्रोध मद,लोभ दूर रहने की सलाह दी।उन्होंने कहा कि ह्दय से प्रभु सुमिरन से मनुष्य के मोक्ष के द्वार खुल जाते है।इसलिए अपने मन को काबू रखकर हृदय से प्रभु चरणों में स्मृत रखना चाहिए।श्री गौनियाल ने भागवत कथा के पांचवे दिन श्रीमद्भागवत गीता का महत्व समझाते हुए भागवत गीता में मुनष्य के सर्वाधिक महत्वपूर्ण सार समाहित है। भागवत पुराण को सुनने व उसका अनुसरण करने से जीवन धन्य हो जाता है।

