कार्तिक स्वामी महायज्ञ में उमड़ा, आस्था का सैलाब,दिव्य कलश यात्रा के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु


रूद्रप्रयागःक्रौच पर्वत पर स्थित उत्तर भारत का एक मात्र कार्तिक स्वामी मंदिर में महायज्ञ के 10 वें दिन आस्था का सैलाब उमड़ पडा। रूद्रप्रयाग व चमोली जनपद के 362 से अधिक गांवों के रक्षक भूमियाल आराध्य देव देवसैनानी कार्तिक स्वामी मंदिर में यंू तो हर साल महायज्ञ का आयोजन किया जाता है लेकिन बीते दो सालों से कोविड 19 की गाइड लाइन के कारण यह महायज्ञ आयोजित नहीं हो पा रहा था। अब यह महायज्ञ विधि विधान के साथ किया जा रहा है। इस महायज्ञ में भागीदार बनने व अपने परम आराध्य देव का आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए रूद्रप्रयाग व चमोली जनपद समेत अनेक गांवों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में पंहुचे । जहां उन्हें भगवान कार्तिक की दिव्य व भव्य कलश यात्रा के दर्शनों के साथ साथ भगवान कार्तिक स्वामी का भी आर्शीवाद प्राप्त हुआ।
कार्तिक स्वामी में हर साल महायज्ञ के दौरान होने वाली जल जात्रा देश व दुनियां की सबसे दुर्गम व कठिन यात्रा है। यह यात्रा खतरनाक चट्टानों से होकर गुजरती है। और इस जल कलश यात्रा में सिर्फ पुरूषो को ही सामिल किया जाता है।
तीर्थाटन व पर्यटन का हब भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर अब देश विदेश के सैलानियों की भी पहली पंसद बना जा रहा है।मंदिर पर्वत की चोटी पर होने के कारण यहां पर जल की आपूर्ति एक बड़ी समस्या बनी हुई है।साथ ही सिगल यूज प्लास्टिक के उपयोग के कारण यहां पर पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है। वही रास्ता कच्चा होने के कारण यहां पर बरसात के मौसम में श्रद्धालुओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।हॉलाकि पर्यटन विभाग द्वारा यहां पर अब काफी सुविधायें भी दी गई है। जिसमें यात्री विश्राम हट के अलावा यात्रा विश्राम गृह भी सामिल है। लेकिन अभी भी यहां पर काफी समस्यायें बनी हुई है।
भानु प्रकाश नेगी,हिमवंत प्रदेश न्यूज कार्तिक स्वामी मंदिर,रूद्रप्रयाग