नगेला,जगदी,नरसिंह,नागराजा देव डोलियों के साथ श्रीमद् भागवत कथा की निकली भव्य कलश यात्रा



Grand Kalash Yatra of Shrimad Bhagwat Katha started with Nagela, Jagadi, Narsingh, Nagaraja Dev Dollis.
रूद्रप्रयागः पाला कुराली लस्या में राणा परिवार के द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन पाला कुराली ग्रामवासियों ने हर्षउल्लास के साथ श्रीमद् भागवत की शोभा यात्रा निकाली। इस दौरान वातावरण राममय बना रहा। मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे लगता है समेत अनेक भजन पर माहौल भक्तिमय बन गया। भगवान श्रीराम के लिए लोगों में अभी से भारी उत्सुकता दिखने लगी है। 22 जनवरी को दूसरी दीपावली मनाने के लिए घर घर अभी से लोग तैयारियां में जुट गये है। पाला कुराली में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में वातावरण राममय बना हुआ है,जो सनातन धर्म की महत्वतता को दर्शाता है।
वही प्रसिद्ध कथावाचक ज्योतिष्पीठ व्यास पद से अलंकृत आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कहा कि राममय होना भी आवश्यक है क्योंकि राम जन्म भूमि आंदोलन में 30 साल पहले भाग लेने वाले शंकराचार्य समेत अनेक सनातनियों के साथ तत्कालीन सरकार ने विवेकहीन और अमानवीय व्यवहार किया था।


हमारी आने वाली पीढ़ी को सजग करने के लिए इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान की आवश्यकता है जिसके माध्यम से हमारे कथावाचको को अधिक से अधिक संस्कार धर्म राष्ट्र बड़ो का आदर, समानता से प्रीती करने का आग्रह करता हूं। जीवन जीना सजगता के साथ धर्म आस्था विश्वास आदर इन आदर्शों को साथ लेकर जो चले वही जीता है। जो छोड़े वह जीते हुए भी जीवित नही है अन्य धर्मों में पिता और भाई को मारने से भाई की हिंसा करने से सत्तासीन होने की क्रूरता है जबकि हमारे यहाँ पिता की आज्ञा व मां की मन की प्रसन्नता के लिए श्री राम को 14 वर्षों तक वनवास में रहने की स्वीकृति न्याय अनयाय की चर्चा न करते हुए वनों के कष्ठ को झेलने की परम्परा व राम जी के खड़ाऊ को सिरपर रखते हुए प्रेम व भाईचारे की परम्परा हम भारतीयों की रही है।
अच्छे लोग व अच्छाई करने वालो से जुड़ना भी भक्ति कहलाती है। वही कर्तब्य बोध को ध्यान परिश्रम मेहनत से कार्य करना जीवन के प्रत्येक क्षण का सद्पयोग करना वैराग्य है जो माता पिता की न सुने व्यस्नों को बढ़ावा दे वह धुंधकारी है। अपना व अपनो सहित आगे बढ़ने का भाव रखने वाला गौकर्ण कहलाता है।
इस दौरान कृपाल सिंह राणा, किशोर सिंह राणा, डॉ. गुलाब सिंह राणा, दिनेश राणा, सुमेर सिंह राणा, आचार्य भानु प्रसाद ममगाईं, आचार्य संदीप बहुगुणा, आचार्य अंकित केमनी, पुष्कर राणा,सेमर सिंह राणा अनुराग राणा,सते सिंह राणा,महावीर सिंह राणा,किशन सिंह राणा, इंदर सिंह राणा, दिगम्बर राणा, ग्राम प्रधान कमला देवी,सुभाष राणा, वचन सिंह राणा, किशन सिंह राणा,कपूर सिंह राणा, धीरज सिंह,कैंतुरा, सुभागा देवी राणा, रोशनी राणा,आचार्य विजेंदर ममगाईं, आचार्य सुनील शुक्ला, रजनी राणा ,सीमा राणा, सावित्री देवी, राणा पूर्णि, देवी क्वांरी देवी, समुद्रा देवी, सुशीला देवी, गंगी देवी, खुशी राणा, अशोक राणा, आयुष राणा,आर्यन राणा, अक्षित आचार्य, अंकित ममगाईं, बाघा साह, धर्मा साह, आदि भक्त गण उपस्थित रहे

