श्री भोले जी महाराज और डा. माता श्री मंगला जी के जनकल्याण समारोह में उमड़ा भक्तों का सैलाब
हरिद्वार। द हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत एवं आध्यात्मिक गुरु श्री भोले जी महाराज के सानिध्य में ऋपिकुल कालेज मैदान में सम्पन्न हुए दो दिवसीय जनकल्याण समारोह में देश-विदेश से श्रद्धालु-भक्तों का सैलाब उमड़ पडा। समारोह का आयोजन हंस ज्योति-ए यूनिट आफ हंस कल्चरल सेंटर, दिल्ली ने किया।
द हंस फाउंडेशन की प्रेरणास्रोत डा. माताश्री मंगला ने कहा कि हरिद्वार देश-विदेश के करोड़ों लोगों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है, यहीं से चारधाम यात्रा की शुरुआत होती है। उन्होंने कहा कि यहां पर अविरल रूप से बहने वाली पतित पावनी मां गंगा केवल एक नदी ही नहीं बल्कि स्वर्ग की धारा थी, जिसे राजा भगीरथ कठोर तपस्या करके धरती पर लाये। आज वही मोक्षदायिनी गंगा मां हमारे पापों को धोने के साथ-साथ हमारे खेतों को भी हरा-भरा कर रही है।
डा. माता श्री मंगला जी ने कहा कि हमारे सभी महापुरुष जैसे भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण, भगवान बुद्ध, गुरु नानक, श्री हंस जी महाराज, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, मीराबाई, माता राजेश्वरी देवी तथा छत्रपति शिवाजी आदि आध्यात्मिक थे, इसलिए आज भी उनकी पूजा होती है। उन्होंने कहा कि अध्यात्म ज्ञान सभी धर्मशास्त्रों का मूल है। अध्यात्म ज्ञान के प्रचार से ही देश की सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज हमारा युवा वर्ग नशाखोरी की ओर बढ़ रहा है जो गंभीर चिंता का विषय है। आज युवा पीढी को अध्यात्म से जोड़कर संस्कारित करना होगा। उन्होंने-बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर भी जोर दिया।
डा. माताश्री मंगला जी ने कहा कि योगीराज श्री हंस जी महाराज अध्यात्मज्ञानी होने के साथ-साथ समाज सेवी भी थे जिन्होंने अनेक जनकल्याण के काम किये। आज द हंस फाउंडेशन श्री हंस जी महाराज के नाम से देश के सभी राज्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य, जैविक खेती, शुद्ध पेयजल, पर्यावरण संरक्षण तथा हंस गौशाला आदि योजनिओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बहादराबाद हरिद्वार में आंखों के बहुत बड़े अस्पताल हंस आई केयर तथा सतपुली गढवाल में आधुनिक सुविधाओं से युक्त द हंस फाउंडेशन जनरल अस्पताल
का संचालन किया जा रहा है।
समारोह में महात्मा गुरु आज्ञानंद जी आदि ने भी सत्संग विचारों से श्रद्धालु-भक्तों को लाभान्वित किया। भजन गायक श्री दिनेश भट्ट ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति कर लोगों को आनंद से सराबोर कर दिया।