विक्टोरिया क्रास दरवान सिंह नेगी की बहादूरी की स्मृति में मनाया शौर्य दिवस









2020 में करोना के कारण शौर्य महोत्सव नहीं मनाया गया और 2021 में यह महोत्सव साधारण तौर पर मनाया गया। इस बार 23 नवम्बर से तीन दिवसीय शोर्य महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। महोत्सव में इस सेना का बहुत बड़ा योगदान रहा। जहां 9 माउंटेन ब्रिगेड की देखरेख में गढ़वाल स्काउट से पाइप बैंड, सीएसडी कैंटीन एवं चिकित्सा शिविर लगाया गया वही अभिलेख कार्यालय गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन से 2 क्लॉक पेंशन संबंधी विसंगतियों को दूर करने के लिए पहुंचे थेl। शौर्य महोत्सव विक्टोरिया क्रॉस दरबान सिंह नेगी की बहादुरी की स्मृति में मनाया जाता है विदित हो नायक दरवानसिंह सिंह नेगी जी विक्टोरिया क्रॉस पाने वाले प्रथम विश्वयुद्ध में पहले भारतीय हैं। इंग्लैंड के महाराजा जॉर्ज पंचम ने उन्हें लड़ाई के मैदान में आकर 5 दिसंबर 1914 को बिक्टोरिया क्रॉस से नवाजा था और
7 दिसंबर 1914 को इसका गजट नोटिफिकेशन भी हो गया। जब लड़ाई के मैदान में जॉर्ज पंचम ने विक्टोरिया क्रॉस नायक दरवानसिंह सिंह नेगी जी से कोई दो मांगे पूछी तो उन्होंने पहली मांग हरिद्वार ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन की मांग की और दूसरी मांग कर्णप्रयाग में इंग्लिश मीडियम का जूनियर हाई स्कूल मांगा। दोनों मांगे तत्काल प्रभाव से मंजूर की गई। जहां 26 अक्टूबर 1918 को जूनियर हाई स्कूल खुल गया वहीं सन् 1922 से 1924 तक रेलवे लाइन का सर्वे शुरू हो गया्। किसी कारण बस रेलवे का कार्य सर्वे के बाद ठप्प हो गया।
सभी 15 ग्राम सभाओं की महिला मंगल दल व विद्यालयों ने भी बढ़ चढ़़ कर भाग लिया। सेना का बैण्ड, कैंटीन व मेडिकल मुख्य आकर्षण के केन्द्र रहे। मेला अधिकारी व मेला अध्यक्ष सभी दिनों नदारद रहे। सरकार ने पिछले खर्चे का भुगतान भी नहीं किया है। अत: पूर्व सैनिक लीग के राज्य अध्यक्ष मेजर जनरल मोहन असवाल साहब ने लीग की ओर से दस हजार रुपए देने की घोषणा की।

