श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में एंटीबायोटिक दवाओं के संवेदनशील पक्ष को विशेषज्ञों ने समझाया।
Antibiotics in Shri Mahant Indiresh Hospital Experts explained the sensitive aspects of.
गोब्ल्यू के माध्यम से एंटीबायोटिक के अति उपयोग से बचने की विशेषज्ञों ने दी सलाह।
देहरादून। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में रोगाणुरोधी प्रतिरोध सप्ताह मनाया गया। मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और डब्ल्यूएचओ द्वारा माइक्रोबायोलॉजी विभाग एसजीआरआरआईएमएण्डएचएस के सहयोग से कार्यक्रम मनाया गया। गोब्ल्यू शीर्षक कार्यक्रम में रोगाणुरोधी प्रतिरोध सप्ताह के महत्व पर विशेषज्ञों ने जानकारियां सांझा की। कार्यक्रम में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ एवम् रोगियों के परिजनों सहित 100 से अधिक लोगों ने भागीदारी की। कार्यक्रम का उद्देश्य रोगाणुरोधी प्रतिरोध के गंभीर मुद्दे को संबोधित करना, जागरूकता और समझ को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा पेशेवरों, छात्रों और समुदाय को एक साथ लाना रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत आयोजक एमबीबीएस छात्राएं सानिया और कीर्ति के उद्बोधन से हुई। सभी स्वयंसेवकों ने पोस्टर प्रस्तुतियाँ दीं। मेडिकल छात्रा खुशी राजवी, विनायक, सुकृति और वैष्णवी ने एंटीबायोटिक दवाओं के सही उपयोग एवम् महत्व को आमबोलचाल की भाषा में समझाया। मेडिकल छात्र-छात्राओं ने अस्पताल के विभिन्न वार्डों में रोगियों और उनके परिचारकों के साथ उत्साहपूर्वक बातचीत की और उन्हें एंटीबायोटिक दवाओं के तर्कसंगत उपयोग का महत्व भी बताया।
एसजीआरआर इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ सांइसेज़ के प्राचार्य डॉ. आरके वर्मा ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा के प्रभुत्व वाले युग में, रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) का मूक खतरा मंडरा रहा है, जो संक्रामक रोगों से प्रभावी ढंग से निपटने की हमारी क्षमता को चुनौती दे रहा है
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल डॉ. प्रेरक मित्तल ने भी छात्रों को एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध प्रयोग से होने वाले कारकों व नुकसान के सम्बन्ध से जुड़े विषयों को समझाया। माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. सुलेखा नौटियाल ने छात्रों के सक्रिय प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर डॉ. गौरव रतूड़ी (चिकित्सा अधीक्षक), डॉ. डिंपल रैना (प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी और लैब निदेशक एसएमआईएच), डॉ. मालविका सिंह (सहायक प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी), डॉ. मनीष कुमार (सीनियर रेजिडेंट) और स्नातकोत्तर उपस्थित थे।