अल्मोड़ा:पतलचौरा के निराश ग्रामीणों ने “सड़क नहीं तो वोट नहीं” का लिया निर्णय





अल्मोड़ा -भैसियाछाना विकास खंड के रीठागाड क्षेत्र के पतलचौरा गांव में पतलचौरा में पैदल चलने तक के लिए रास्तों की हालत ठीक नहीं है। सन् 2019 मे तत्कालीन विधायक रघुनाथ चौहान के द्धारा इस सड़क मार्ग के लिए स्वीकृति दी सन 2021 मे सड़क मार्ग की सर्वे होने के बाद अल्मोड़ा वन विभाग व बागेश्वर वन बिभाग ने सड़क मार्ग में पेड़ों की पुष्टि करके खंड लोक निर्माण विभाग को दे दी। लेकिन अभी अभी तक शासन प्रशासन द्वारा कनारीछीना बिनूक पतलचौरा सड़क मार्ग के निर्माण कार्य के लिए कोई सुध नहीं ली गई है। कनारीछीना बिनूक पतलचौरा सड़क मार्ग के अधीन पतलचौरा व चिमचुवा गांव के 25 से अधिक अनुसूचित जाति के परिवार रहते हैं। सरकार एक तरफ बोलती है उत्तराखंड में अनुसूचित जाति के लिए हम हर तरह से आरक्षित कर रहे हैं। लेकिन पतलचौरा व चिमचुवा गांव के अनुसूचित जाति के परिवार लोगों उतराखड राज्य बनने के बाबजूद भी सड़क मार्ग नसीब नहीं हुआ। पतलचौरा गांव से कनारीछीना आने जाने के लिए दो किलोमीटर चढाई डेढ किलोमीटर ढलान मजबूरन अपने परिवार किसी बीमार व गर्भवती महिलाओं को निकटतम अस्पताल सेराघाट ले जाने के लिए डोली व खच्चरों के सहारे लेते हैं। कनारीछीना बिनूक पतलचौरा सड़क बनने से कनारी, रीम,पिपल खेत, चिमचुआ,बिनकू पतलचौरा आदि गांव लाभांवित होते हैं।शास प्रशासन की अनदेखी को देखते हुए प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज की लेकिन अभी कोई कारवाई नहीं हुई। पतलचौरा गांव के ग्रामीणों ने लंबे समय से
सडक मार्ग के लिए गुहार लगाई अब निराश होकर रोड नहीं तो वोट नहीं का निर्णय लिया है।

