आखिर कब खुलेगा पहाड़ों में हाईटेक सरकारी ट्रॉमा सेंन्टर?
भानु प्रकाश नेगी,हिमवंत प्रदेश न्यूज
चमोली/पोखरीः भले ही अभी तक की सरकारें पहाड़ों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को दवा करती रही हो लेकिन पर्वतीय जनपदों में स्वास्थ्य सेवायें आज के समय में भी लचर स्थिति में है। अधिकतर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व जिला अस्पताल रेफर सेंटर बने हुऐ है। विकट भूगोल के कारण यहां आये दिन दुर्धटनायें होती रहती है। दुर्धटना ग्रस्त व आपातकाल में मरीजों को देहरादून ऋषिकेश आदि शहरों में रेफर करना पड़ता हैं। उपचार समय पर न मिलने से अक्सर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते है। जिससे मृतक के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। चारधाम यात्रा मार्ग के बावजूद ऋषिकेश से बद्रीनाथ व केदारनाथ के बीच कही भी हाईटेक ट्रॉमा सेंन्टर नहीं बनाया गया है। दुर्धटना होने पर जिला अस्पताल गोपेश्वर व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कर्णप्रयाग में ही कुछ स्पेस्लिस्ट है। वही मुख्य चिकित्साधिकारी चमोली डॉ राजीव शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद जनपद के सरकारी अस्पतालों के ट्रॉमा सेन्टरों में मानव संसाधनों का आभाव है जिससे आपतकालीन समय में मरीजों को समय से उचित उपचार नहीं मिल पाता है। हॉलाकि सिमली स्वास्थ्य केन्द्र में आधुनिक ओ टी जल्द तैयार होने वाला है।
आपको बता दें कि सूबे के अधिकतर सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों मानव संसाधनों से जूझ रहे हैं जिसके कारण सरकारी अस्पतालों में एक्स रे,खून की जांच,अल्ट्रासाउंड,ईसीजी आदि करने में मरीजों को भारी समस्याओं का सामना करना पडता है।