May 9, 2025

सिरोबगढ़ बना शासन-प्रशासन के लिए सिरदर्द,समय रहते नहीं सुधर पाया वैकल्पिक मार्ग

भानु प्रकाश नेगी,रूद्रप्रयाग

ऋषिकेश बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्रीनगर व रूद्रप्रयाग के बीच सिरोबगड़ का भूस्खलन शासन व प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है। ऑलवेदर रोड़ में इस तरह का भू-स्खलन जोशीमठ के पास लामबगड़,पागलनाला व सिरोबगड़ का स्थाई समाधान के लिए प्रयास जारी है।

मानसून सीजन शुरू होते ही सिरोबगड़ में एक बार फिर से भारी मात्रा में भूस्खलन होने लगा है। अधिक बारिस के कारण इस स्थान पर मिट्टी पत्थर लगातार पहाड़ी से गिर रहे है। जिसके कारण सड़क लगातार अवरूध हो रही है।हॉलाकि अब सिरोबगड़ के पास से ही बाईपास सड़क का कार्य निर्माणाधीन है जिसमें एक भारी वाहनों के लिए पुल का निमार्ण भी प्रगति पर है। लेकिन फिलहॉल आये दिन यहां पर हो रहे भूस्खलन के कारण हो रही परेसानी का काई समाधान नहीं दिखाई दे रहा है।
दरअसल सिरोबगड़ में भूस्खलन की समस्या कई दशकों से चली आ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑल वेदर रोड़ के निमार्ण में इस ज्वलंत समस्या का भी समाधान किया जा रहा है। बीते दो साल से कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा को सीमित किया गया था, लेकिन इस साल चारधाम यात्रा को पूर्ण रूप से खोल दिये जाने के कारण देश और दुनियां के श्रद्धालु व पर्यटकों का जमावड़ा चारों धाम के अलावा हेमकुड साहिब,बाबा तुंगनाथ,रूद्रनाथ,मध्यमेश्वर महादेव,फूलो की घाटी समेत अनेक तीर्थस्थलों व पर्यटक स्थलों में उमडने लगा है।

रूद्रप्रयाग व पौड़ी जनपद को जोडने वाले मध्यभाग सिरोबगड़ में बरसात के मौसम में भूस्खलन रूद्रप्रयाग और चमोली आने जाने वाले आम आदमी से लेकर सैलानियों की जान के लिए खतरा बना हुआ है।
शासन और प्रसाशन की लापरवाही का आलम यह है,कि चारधाम यात्रा व मानसून सीजन से पूर्व वैकल्पिक मार्ग खेड़ाखाल से तक सड़क मार्ग को दुरस्त नहीं किया गया। सिरोबगड़ में लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण तीर्थयात्री , पर्यटक व स्थानीय निवासी खेड़ाखाल होते हुऐ श्रीनगर से रूद्रप्रयाग आवागमन कर रहे है,लेकिन इस सड़क मार्ग की हालत इतनी खराब है कि,यहां थोड़ी सी बारिस होने पर पूरा सड़क मार्ग कीचड़ से भर जा रहा है।जिसके कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारंे व जाम लग जा रहा है। बड़ी परेसानी यह है कि रूद्रप्रयाग व चमोली जनपद का एक मात्र बड़ा सरकारी अस्पताल श्रीनगर बेस अस्पताल है,यहां आये दिन आम आदमी को आपतकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता होती है, लेकिन मुख्य मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण बंद हो रहे सडक मार्ग से मरीज समय से अस्पताल नहीं पंहुच पाता है,जिससे कभी कभी मरीज की मौत रास्ते में ही हो जाती है। शासन व प्रसाशन के संज्ञान में यह बात होते हुऐ भी समय रहते इसका समाधान नहीं निकाला गया।


सिरोबगड़ के अलावा चारधाम यात्रा मार्ग पर ऋषिकेश से रूद्रप्रयाग चमोली तक चौडीकरण, सुधारीकरण व नवनिर्माण के कारण बारिस के मौसम में पहाड़ियों से बोल्डर,मिट्टी,बडे पत्थर लगातार गिर रहे है। ये पत्थर सड़क पर किसी भी समय दुर्धटना का बड़ा कारण हो सकते है। लेकिन शासन और प्रसाशन की लापरवाही के कारण इन बोल्डरों को सड़क से साफ करने की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
सिरोबगड़ की समस्या का स्थाई समाधान के लिए शासन व प्रसाशन को निर्माणाधीन पुल व बाईपास सड़क पर त्वरित रूप से कार्य करने की आवश्यकता है। ताकि चारधाम यात्रा से लेकर आम आदमी की समस्या का समाधान हो सके।

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