श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने रायपुर गोलीकांड के गम्भीर घायलों को दिया नया जीवन।



Shri Mahant Indiresh Hospital gave new life to the seriously injured of Raipur firing incident.
7 डाॅक्टरों की टीम की मेहनत रंग लाई।
एक मरीज़ के यूरेनरी ब्लेडर व दूसरे के सीने में लगी थी गोली।
करीब 10 दिनों तक आईसीयू में चला उपचार।



देहरादून। रायपुर थाना क्षेत्र डोभाल चैक गोलीकांड में दोनों गम्भीर घायलों सुभाष क्षेत्री और मनोज नेगी को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने नया जीवन दिया। सफल इलाज के बाद दोनों घायलों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की ओर से दोनों घायलों का 19 जून से निःशुल्क उपचार किया गया। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ प्रेरक मित्तल, सीटीवीएस सर्जन डाॅ अशोक कुमार जयंत, वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ ए.एन.पाण्डे, वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ डाॅ जगदीश रावत, वरिष्ठ गैस्ट्रोइंट्रोलाॅजिस्ट डाॅ अमित सोनी, सर्जन डाॅ सुखन्दिर की टीम व अन्य डाॅक्टरों की देखरेख में दोनों घायलों का उपचार किया गया।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ प्रेरक मिततल ने जानकारी दी कि सुभाष क्षेत्री और मनेाज नेगी को 17 जून 2024 को अति गम्भीर हालत में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। सुभाष क्षेत्री को पेट में और मनोज नेगी को कमर में गोली लगी थी। मनोज नेगी को गोली कमर के निचले हिस्से से होकर यूरोनरी ब्लेडेर के पास जाकर अटक गई।
सुभाष क्षेत्री के सीने से गोली प्रवेश करते हुए फेफडे और लीवर के पास से होते हुए डायफ्राम पर अटक गई। उनको छाती के दाहिने हिस्से में इंटर कोस्टल ड्रेनेज ट्यूब (आईसीडी) लगाई गई। लगभग दस दिनों तक आईसीयू में सघन उपचार हुआ। डाॅक्टरों की मेहनत रंग लाई और उन दोनों की जान बचा ली गई। यदि घटनाक्रम के बाद दोनों मरीजों को तत्काल बेहतर मेडिकल सुविधाएं नहीं मिलती तो दोनों मरीजों की जान का जोखिम भी हो सकता था। कुशल डाॅक्टरों की टीम ने आईसीयू में दोनों घायलों का कुशलतापूर्वक उपचार किया। दोनों मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
अस्पताल प्रबन्धन व देहादून प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच दोनों घायलों के स्वास्थ्य लाभ के सम्बन्ध में वार्ता हुई। वार्ता के बाद 19 जून से दोनों घायलों का उपचार श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में निःशुल्क कर दिया गया।
