सांसारिक बंधन से मुक्त होकर परमात्मा की शरण में जाने से होती है मोक्ष की प्राप्ति:बासुदेव थपलियाल।
सिदेली में स्व विजेन्द्र सिंह की मोक्ष प्राप्ति हेतु श्रीमद भागवत साप्ताहिक ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया गया है जिसमें कथा के छठवें दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे।इस दौरान आचार्य कथा व्यास वासुदेव थपलियाल ने राजा परीक्षित और श्री कृष्णजी जन्म से लेकर बाल लीलाओं का वर्णन किया।
उन्होंने कथा का वर्णन करते हुए कहा एक बार कंस ने पूतना नाम की राक्षसी को बाल कृष्ण का वध करने के लिए भेजा। जैसे ही पूतना गोकुल पहुंची, स्त्री का रूप धारण कर पूतना घर-घर जाकर कृष्ण की तलाश करने लगी। श्री कृष्ण की खोज में पूतना को जो भी बालक मिलता, वो उसे अपने विष वाले दूध को पिलाकर मार देती।
जब पूतना कृष्ण के घर पहुंचती है, तब भगवान कृष्ण को पता चल जाता है कि वह एक राक्षसी है। पूतना कृष्ण को गोदी में उठाकर अपना विषैला दूध पिलाने लगती है। कृष्ण को दूध पीते देखकर पूतना सोचने लगती है कि अब यह मर जाएगा। भगवान कृष्ण कुछ देर बाद दूध पीते-पीते ही राक्षसी के प्राण खींचने लगते हैं। दर्द के कारण राक्षसी पूतना कृष्ण को आसमान की ओर लेकर उड़ जाती है और पास के जंगल में कान्हा सहित गिर जाती है। थोड़ी देर बाद ही राक्षसी के प्राण निकल जाते हैं। इस तरह भगवान कृष्ण राक्षसी पूतना का वध कर देते हैं
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा धर्म के मार्ग पर चलकर समाज सेवा में लोगों को आगे आना चाहिए। इसलिए सांसारिक बंधन से मुक्त होकर परमात्मा की शरण में जाओ तभी जीवन रूपी नैय्या पार होगी। आज के दौर में परेशानी और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। इससे समाज में खींचतान, स्वार्थ, लोभ, दुख. पतन, विकृतियों का अम्बार लगा हुआ है। ऐसे में समाज को युग के अनुरूप दिशा चिंतन, व्यवहार, परमार्थ के लिए हृदय में परिवर्तन के लिए श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन बीरा देवी, नवीन सिंह परिवार द्वारा किया जा रहा है।
इस अवसर पर पंडित कमलकिशोर, मधुसूदन किमोठी चंडी प्रसाद,माया प्रसाद किमोठी,अनुप किमोठी, सूर्य प्रकाश नौटियाल अनुपसिंह नेगी, सहित तमाम लोग मौजूद थे।