गणतंत्र दिवस पर पूर्व सैनिक आर्नरी सुबेदार मेजर बलवीर राणा अडिग शहीदों को पेश की ये खास कविता



On Republic Day, former soldier Henry Subedar Major Balveer Rana presented this special poem to the steadfast martyrs.
भारत गान
अरुणोदय हुआ चला,
प्राची उदयमान हुई।
माँ भारती के स्वागत को,
राष्ट्र उमंगें वेगवान हुई।।
पौष मंगल बेला पर,
तिरंगा शान से फहरायें।
गणतंत्र के महापर्व पर
प्रीत से जनगण मन गाएं ।।
महापुरूषों के स्वेद से,
मकरन्द यह निकला है।
योद्धाओं के सोणित से,
हमें लोकतंत्र मिला है।।
चित से उन महामानवों के,
बलिदान का गुणगान करें।
लोकतंत्र के महाग्रंथ का,
अन्तःकरण से सम्मान करें।।



पल्लवन इस वट बृक्ष का,
बुद्धि शक्ति तरकीब से हुआ।
तब इस सघन छाया में बैठना,
हम सबको नशीब हुआ।
ज्ञान, भुजबल परिश्रम से,
शेष दोष-दीनता दूर करें।
रिक्त है जो अभी भी कोष
चलो उसे मिलकर भरपूर करें।
कर्म स्वहित संधान तक
यह लोकतंत्र का मान नहीं।
राष्ट्रहित निज कर्तव्यों को
आराम नहीं विश्राम नहीं।
जग में माँ भारती की,
ऐसी ही ऊँची शान रहे।
अधरों पर तेरे भरत सुत,
जय भारत का गान रहे।
@ बलबीर राणा ‘अडिग’
मटई चमोली।
मातृभाषा गढ़वाळी का कवि कहानिकार, स्तम्भ लेखक अर समसमायिकी का साहित्यकार लिख दियाँ वा 🙏
