January 22, 2025

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय और डीएवी (पीजी) कॉलेज के बीच एमओयू साइन।

 

MoU signed between Sri Guru Ram Rai University and DAV (PG) College.

मानविकी और योग सहित विभिन्न कोर्सों में करेंगे एक-दूसरे का सहयोग।

गढ़वाली भाषा के विस्तार एवं बढ़ावा देने को भी करेंगे साझा प्रयास।

देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय एवं डीएवी(पीजी) कॉलेज देहरादून के बीच शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में साझा प्रयास करने को लेकर एक मेमोरेंडम साइन हुआ। एसजीआरआर विश्वविद्यालय के पथरीबाग कैंपस के सभागार में आयोजित एमओयू सेरेमनी में दोनों संस्थानों के अधिकारियों ने एक दूसरे का यहयोग करने और मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने पर सहमति जताई।
दानों संस्थानों के अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि मानविकी सहित योग और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ानें में एक दूसरे का साथ देंगे। गढ़वाली भाषा को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे। इसके साथ ही स्टूडेंट्स एक्सचेंज सहति अन्य गतिविधियों में भी एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे। दोनों संस्थानों के अधिकारी इस बात पर सहमत हुए कि पहले चरण में मानविकी के विषयों को लेकर शोध एवं अन्य शैक्षणिक व रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर साझा काम करेंगे। इस मैके पर एसजीआरआर विश्वविद्यालय की वीसी प्रो. (डॉ.) कुमुद सकलानी ने कहा कि हम छात्रों के विकास के लिर हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जल्द ही हमें इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। डीएवी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) सुनील कुमार ने इस मौके पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हम ज्लदी ही इस शुरुआत को और विस्तार देंगे। इससे दोनों संस्थानों को फायदा होगा। डीएवी (पीजी) कॉलेज की ओर से एमओयू के कन्वीनर प्रो.(डॉ.) हरबीर सिंह रंधावा ने सुझाव दिया कि दोनों संस्थानों को एक साझी कमेटी बनानी चाहिए जिस पर सभी ने सहमति व्यक्त की। एसजीआरआर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. लोकेश गंभीर ने ज्वाइंट प्रोजेक्ट करने पर जोर दिया। इस मौके पर एसजीआरआर विश्वविद्यालय की मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की डीन प्रो.(डॉ.) गीता रावत, इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील किस्टवाल, सहायक प्रोफेसर मनोज जगूड़ी, मौजूद रहे। जबकि डीएवी (पीजी) कॉलेज की ओर से आईक्यूएसी डायरेक्टर ओनीमा शर्मा, कन्वीनर यूजीसी कमेटी प्रो.(डॉ) प्रशांत सिंह एवं इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) रंजना रावत मौजूद रहीं।
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