माता श्री राजेश्वरी देवी ने ज्ञान से बदला लाखों लोगों का जीवन
                
नई दिल्ली, 7 अप्रैल। परमपूज्य श्री भोले जी महाराज एवं माताश्री मंगला जी के सानिध्य में महान आध्यात्मिक विभूति माता श्री राजेश्वरी देवी की पावन जयंती के उपलक्ष्य में आज से श्री हंसलोक आश्रम, दिल्ली में दो दिवसीय जनकल्याण सत्संग समारोह का शुभारंभ हुआ।
इस मौके पर माता श्री मंगला जी ने नेपाल, अमेरिका तथा देश के विभिन्न राज्यों से आये असंख्य श्रद्धालु-भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया में जितने भी संत-महापुरुष आये, सभी ने अध्यात्म ज्ञान के द्वारा लोगों को प्रेम, शांति, एकता और सद्भाव का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि माता श्री राजेश्वरी देवी अपने समय की ऐसी ही महान विलक्षण विभूति थीं जिन्होंने दुनिया के अनेक देशों में अध्यात्म ज्ञान का प्रचार कर लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया।

श्री हंसलोक जनकल्याण समिति द्वारा आयोजित जनकल्याण सत्संग समारोह में देश के विभिन्न भागों से आये हजारों श्रद्धालु-भक्तों को सम्बोधित करते हुए माता श्री मंगला जी ने कहा कि माता श्री राजेश्वरी देवी का सारा जीवन ज्ञान प्रचार, मानव सेवा और जन कल्याण को समर्पित था। उनका व्यवहार और सत्संग सुनाने की शैली अनायास ही भक्तों को अपनी ओर खींच लेती थी। माता श्री राजेश्वरी देवी ने लोगों के दिलों में अध्यात्म ज्ञान की ज्योति जलाकर उन्हें भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
माताश्री मंगला जी ने समारोह में उपस्थित श्रद्धालु-भकतों का आह्वान किया कि वे माताश्री राजेश्वरी देवी की शिक्षाओं और संदेशों को अपने जीवन में उतारें तथा अध्यात्म ज्ञान के प्रचार एवं मानव सेवा के कार्यों को बढ़ाने का संकल्प लें।
इस मौके पर श्री भोले जी महाराज ने भी माता श्री राजेश्वरी देवी के व्यक्तिव और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने माता की महिमा से जुड़े भजन— बिगड़ी बनाने वाली जगदम्बिका तुम्हीं हो तथा माता तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए आदि भजन गाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से आये संत-महात्माओं ने भी सत्संग विचारों से लोगों को लाभान्वित किया। भजन गायक श्री महेश लखेड़ा एवं अन्य गायकों ने सत्संग, ज्ञान गुरु महिमा तथा माताश्री राजेश्वरी देवी की महिमा से जुड़े भजन प्रस्तुत किए।
