माता श्री राजेश्वरी देवी दया, करुणा, प्रेम और वात्सल्य की साक्षात प्रतिमूर्ति थीं : माता श्री मंगला
Mata Shri Rajeshwari Devi was the embodiment of kindness, compassion, love and affection: Mata Shri Mangala
माताश्री राजेश्वरी देवी ने अध्यात्म ज्ञान से बदला लाखों लोगों का जीवन:माता श्री मंगला
नई दिल्ली। परमपूज्य श्री भोले जी महाराज एवं माता श्री मंगला जी के सानिध्य में श्री हंसलोक आश्रम, नई दिल्ली में महान आध्यात्मिक विभूति माता श्री राजेश्वरी देवी की पावन जयंती मातृशक्ति दिवस के रूप में मनाई गई। इस मौके पर हंस ज्योति-ए यूनिट आफ हंस कल्चरल सेंटर द्वारा आयोजित दो दिवसीय जनकल्याण समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु-भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।
समारोह में माता श्री मंगला जी ने कहा कि माता राजेश्वरी देवी अपने समय की ऐसी महान आध्यात्मिक विभूति थीं जिन्होंने देश-विदेश में फैले लाखों लोगों के ह्रदय में अध्यात्म ज्ञान की ज्योति जलाकर उनके जीवन में रचनात्मक बदलाव लाने का काम किया। माता श्री राजेश्वरी देवी दया, करुणा, प्रेम और वात्सल्य की साक्षात प्रतिमूर्ति थीं, इसलिए आज भी उनके लाखों भक्त श्रद्धा से उन्हें जगत जननी माता के नाम से पुकारते हैं।
माता श्री मंगला जी ने श्रद्धालु-भक्तों का आह्वान किया कि वे माता श्री राजेश्वरी देवी की शिक्षाओं और संदेशों को जीवन में उतारें। माता श्री राजेश्वरी देवी के चित्र के सम्मुख नतमस्तक होकर माता श्री मंगला जी ने सभी भक्त समाज की ओर से प्रार्थना की कि वे हम सबको अपनी शक्ति दें, भक्ति दें और आशीर्वाद दें ताकि हम उनके द्वारा दिखाए सत्संग, अध्यात्म ज्ञान और मानव सेवा के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते रहें।
इस मौके पर परमपूज्य श्री भोले जी महाराज ने माता श्री राजेश्वरी देवी का प्रिय भजन—भाव का भूखा हूं मैं, और भाव ही एक सार है–सुनाकर लोगों को भाव-विभोर कर दिया। समारोह में भजन सम्राट अनूप जलोटा एवं जय पांडेय ने भक्तिभाव से जुड़े भजन प्रस्तुत कर लोगों को आनंदित किया। देश के विभिन्न भागों से आये संत-महात्माओं ने भी माताश्री राजेश्वरी देवी की महिमा का गुणगान किया। देवभूमि उत्तराखंड के चमोली जनपद से आई भोटिया जनजातीय महिलाओं ने अपने पारंपरिक गीत और नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। इस मौके पर हंस कल्चरल सेंटर द्वारा अनुभवी डाक्टरों की देखरेख में निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया जिसमें लगभग 3 हजार लोगों ने स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया।