स्वास्थ्य: आपका इम्यून सिस्टम है कमजोर या फिर मजबूत,जानिए इनके संकेत


कोरोना वायरस लगातार लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। पहली लहर के बाद दूसरी लहर और अब तीसरी लहर की भी संभावना जताई गई है। ऐसे में इस वायरस से बचाव का एक ही तरीका है कि आप सभी सुरक्षा मानकों का पालन करें । दो गज की दूरी, मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल ये सुरक्षा के मानक हैं। इन तीन चीजों के अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी भी आपके शरीर को किसी भी बीमारी से बचाने में कारगर है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम दुरुस्त है वो इस बीमारी का सामना कर सकते हैं। बेहतर इन्यूनिटी के चलते हमारा शरीर कई बीमारियों से आसानी से लड़ लेता है। इसलिए बीमारियों से लड़ने के लिए इम्यूनिटी का स्ट्रॉंग होना काफी जरूरी है। कोरोना काल में लोगों ने कई इम्यूनिटी बूस्टर चीजों का इस्तेमाल किया । लेकिन रोजमर्रा में कई ऐसी आदतें होती है जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देने की बजाय उसे कमजोर कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे पता लगाया जाए कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है या फिर मजबूत। इसके कई तरह के संकेत होते हैं जिससे आप इन चीजों का आसानी से पता लगा सकते हैं।
बार-बार बीमार पड़ना



कई लोगों के ऊपर बदलते मौसम का असर सबसे पहले होता है। फिर चाहे वो कितना भी अपना ख्याल क्यों ना रख लें। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को एक साल में 4 से अधिक बार खांसी जुकाम होता है तो ये आपकी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत हो सकता है।
सोने के बाद भी थकान महसूस होना
कई लोगों को सोने के बाद भी थकान महसूस होती है। अगर आपके साथ ही ये ऐसा कई बार होता है तो ये भी इम्यूनिटी कमजोर होने का एक संकेत है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक इम्यून सिस्टम को ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है। रात को कम नींद आना और दिन भर सिर भारी भारी लगना भी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत है।
पेट की समस्याएं भी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत
पेट की समस्याएं जैसे-जैसे बार-बार दस्त लगना या फिर कब्ज भी कमजोर इम्यून सिस्टम का संकेत हैं। वहीं अगर आप खाना खाते हैं और उसके बाद पेट में जलन होने लगती है तो भी ये रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने का ही एक अन्य संकेत है।
मुंह में छाले निकलना
अक्सर हम एक दूसरे का झूठा खा लेते हैं। जिस वजह से मुंह में छाले निकलने लगते हैं। लेकिन अगर आपके मुंह में छाले लगातार निकल रहे हैं तो ये भी इम्यून सिस्टम कमजोर होने का एक संकेत है।
