ग्राम पंचायत अंगोत में 12 दिवसीय पांण्डव नृत्य का प्रसाद वितरण के साथ भव्य समापन्न
Grand closing of 12 divine Pandava dance with distribution of Prasad in Gram Panchayat Angot
चमोली/अंगोतःउत्तराखंड अपनी समृद्ध लोकसंस्कृति व विरासतों के लिए देष व दुनियां में विख्यात है। यहां समय समय पर देवी व देवताओं के लोक नृत्य की प्रथायें सदियों से प्रचलित है। इसी क्रम में चमोली जनपद के कर्णप्रयाग व्लाक ग्राम पंचायत अंगोत में 25 नंवम्बर से 5 दिसंबर तक भव्य पांण्डव नृत्य का आयोजन किया गया। 12 साल बाद आयोजित इस पांण्डव नृत्य के कार्यक्रम में प्रवासी ग्रामीण भी सामिल हुऐ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष गजे सिंह रावत व संयोजक रणबीर सिंह रावत ने बताया कि, 25 नवंबर को पंचाग पूजन 29 नवंम्बर को बाण आगमन,1 दिसंबर को नारायण वृक्ष मोहरू आगमन,3 दिसंबर को गंगा स्नान व ग्राम कमेड़ा में पांण्डव नृत्य,4 दिसंबर को सिरोता रात्रि जागरण व 5 दिसंबर को अश्टमी गैण्डा कौथिक व प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन्न किया हो गया है। इस षानदार कार्यक्रम में युवक मंगलदल ,महिला मंगलदलों के अलावा सभी ग्रामीणों व प्रवासी ग्रामीणों का बहुत सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से ग्रामीणांे में भाई चारे व एकता का संचार होता है।
पांण्डव नृत्य में पांण्डव देवताओं के पष्वा में प्रमुख रूप से भीम मुकेष रावत,अर्जुन नत्थसिंह रावत,नार्गाजुन षिव सिंह रावत,युघिश्ठर बीरेन्द्र सिंह,सहदेव रधुबीर सिंह, नकुल हिमन्त सिंह राणा,नारायण चन्दर सिंह,दौपती वीरेन्द्र सिंह रावत,माता कुन्ती विष्मभरी देवी,मालफुलार राजेन्द्र सिंह,बवरीक बद्रीसिंह,हनुमान हिमांषु,कालिंका देवी मंगसिरू लाल,कालूदास वचन लाल, ने षानदार नृत्य किया। वहीं ढोल वादक मंगसंरू लाल,दमाउ वादक षंकरू लाल ने अपनी कलाकारी से सुन्दर वादन किया।
आपको बता दें कि, अंगोत गांव में हर 12 साल में पांण्डव नृत्य का आयोजन किया जाता है। जिसके लिये यहां पांण्डव देवताओें को वचन दिया जाता है। इस कार्यक्रम में ग्रामीणों के अलावा प्रवासी ग्रामीणांे का भी भरपूर सहयोग रहता है।
