लोक जागर गायिका रामेश्वरी भट्ट के जागरो पर मस्त होकर झूमे रावल देवता के भक्त।
Devotees of Raval Devta danced enthusiastically on the jagars of folk jagar singer Rameshwari Bhatt
भानु प्रकाश नेगी,हिमवंत प्रदेश न्यूज
आरती बिष्ट,दिनेश नेगी,रेखा नेगी ने अपने भजनों पर झूमने के लिए किया मजबूर।
स्कूली बच्चों की आर्कषक रंगा रंग प्रस्तुती ने मोहा सबका मन।
अध्यक्ष वृजमोहन पंवार ने पांच ऐरवालो व संयोजक सुनील पंवार के साथ गाया रावल देवता दिवरा यात्रा पर स्वरचित गीत।
महिलाओं ने लोकनृत्य,लोकगीत,भजनों की प्रस्तुती से किया सभी भक्तों का मनोरंजन।
रूद्रप्रयाग(विजराकोट):रावल देवता वन्याथ महा अनुष्ठान के सातवे दिवस विधिवत पंच पूजा के बाद महायज्ञ आरम्भ किया गया। महायज्ञ के दौरान भगवान यज्ञ पुरूष के विवाह का लोक उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम में पूर्व दिवारा यात्रा समिति की कार्यकारणी को वर्तमान रावल देवता दिवारा यात्रा समिति के द्वारा सम्मानित किया गया। वही रावल देवता के पुजारी शिव प्रसाद मलवाल व अरूण प्रसाद खनाई के द्वारा दिवारा यात्रा समिति के संरक्षक,अध्यक्ष,संयोजक,पांचों ऐरवाले को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। पांचों ऐरवालों के द्वारा अध्यक्ष वृजमोहन पंवार को दिवारा यात्रा पर आधारित फोटो का एक बड़ा कोर्लाज भेंट किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य गायक कलाकारों में लोक जागर गायिका रामेश्वरी भट्ट व ने “जागरंत हवे जांया मेरा पंचनाम देवतों“ से अपने जागरों की शुरवात की जिस पर भक्त मस्त होकर झूमने लगे। वही आरती गुसाई ने शानदार कृष्ण भजन सुनाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। रामेश्वरी भट्ट ने मां भगवती का जागर,व रावल देवता की बन्याथ पर आधारित भजन गाया जिस पर भक्तों ने खूब नृत्य किया।
इस दौरान ऐरवाले आकाश पंवार ने कहा कि इस दिवारा यात्रा में अगर हम पांच पांडवों की भूमिका में थे तो अध्यक्ष वृजमोहन पंवार श्रीकृष्ण की भूमिका में रहे है। और संयोजक सुनील पंवार हनुमान जी की भूमिका में रहे है। इनके हम आजीवन आभारी है। रंगारंग कार्यक्रमों की शुरवात मध्य गांव विजराकोट की बालिकाओं के नृत्य से हुई।
इसके बाद पुड़ियास अमोला की कन्याओं के नृत्य,बिजराकोट की कन्याओं का नृत्य,बैरा की बाल कन्याओं का नृत्य किया गया। कार्यक्रम में वृजमोहन पंवार द्वारा स्वरचित रावल देवता बन्याथ पर आधारित भजन “प्रर्चाधारी रौव तेरि बन्याथ उरिगे“ पांचो ऐरवालो व संयोजक सुनील पंवार के साथ गाया गया।वही एकल नृत्य में बैष्णवी,सुहाना,मन्नू के नृत्य ने सभी दर्शकों का जमकर मनोरंजन किया। मानवेन्द्र पंवार ने स्वरचित भजन “दैणू हवे जयी रावल नाथ“,प्रियासू व खुशी पंवार ने “भगवती तू दैणि हवे जई“ पर शानदार प्रस्तुती दी। वही गड़ोना गांव से पधारी महिलाओं ने “ढ़ोल दमाओ की धिन तकड़ी ऐरवालो का बीच मेरा भूमियाल“ भजन गाया।
कार्यक्रम का संचालन सुनील पंवार,मानवेन्द्र पंवार,वृजमोहन सिंह पंवार के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कार्यक्रम के दौरान संरक्षक गोपाल सिंह पंवार,नंदा पंवार,जीतपाल सिंह पंवार,देवेन्द्र सिंह पंवार,नंन्दन सिंह, अध्यक्ष वृजमोहन सिंह पंवार,संयोजक सुनील पंवार, सह-संयोजक जयदल राणा, सचिव नरेश बिष्ट,कोषाध्यक्ष कुलदीप सिंह पंवार,सह कोषाध्यक्ष रणवीर सिंह बुटोला,,ब्रहमगुरू जगदंम्बा प्रसाद बेंजवाल, भूमियाल गुरू अरूण प्रसाद खनाई,कालिका प्रसाद खनाई,रमेश खनाई,शिव प्रसाद खनाई,प्रांकुर खनाई,हरि प्रसाद काण्डपाल,र्दीधायु प्रसाद काण्डपाल,रविन्द्र काण्डपाल,दुर्गा प्रसाद काण्डपाल,शिव प्रसाद मलवाल, विनोद पंवार,आकाश पंवार,भूपेन्द्र बुटोला,राजेन्द्र पंवार,विपिन राणा,विजय पंवार समेत समस्त बानी गांवों के सदस्य महिला मंगलदल,युवक मंगलदल समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।