संकट में हैं बुग्याल, बुग्यालों के बचाव
को लेकर सामुहिक पहल जरूरी बुग्याल संरक्षण पर कार्य कर रहे बुग्याल वीरों को गिरी गंगा गौरव सम्मान देकर किया सम्मानित
देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय व मैती फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को बुग्याल अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने उत्तराखण्ड के बुग्यालों को संरक्षित करने के लिए महत्वपूर्णं बिन्दुओं पर अनुभव सांझा किए। बुग्याल संरक्षण पर कार्य कर रहे बुग्याल वीरों को गिरी गंगा गौरव सम्मान देकर सम्मानित किया गया।
बुधवार को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के पटेल नगर कैंपस के लाइफ साइंस ऑडिटोरियम में कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ उदय सिंह रावत व मैती फाउंडेशन के अध्यक्ष कल्याण सिंह रावत ‘मैती‘ ने दीप प्रज्जवलित कर किया। डॉ उदय सिंह रावत ने कहा कि उत्तरखण्ड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित बुग्यालों (एलपाइन जोन के मखमली घास के मैदानों) पर वर्तमान में कई प्रकार का संकट मंडरा रहा है। इन बुग्यालों में विभिन्न वनस्पितियां व जड़ी बुटियां अकूत मात्रा में उपलब्ध हैं। बुग्यालों पर बढ़ते मानवीय दखल ने इन बुग्यालों परं प्लास्टिक व अन्य प्रदूषण बढ़ा दिया है। इसके फलस्वरूप बुग्यालों का प्राकृतिक स्वरूप खराब हो रहो व इनकी ओषधीय गुणवत्ता भी प्रदूषण की भेंट चढ़ रही है। सरकारों व जन सरोकारों से जुड़ी संस्थानों के साथ आमजन को बुग्यालों को बचाने की शपथ लेनी होगी। उन्होंने मैती फाउंडेशन की ओर से घोषणा की कि हर साल 31 अगस्त को बुग्याल संरक्षण दिवस मनाया जायेगा.
कार्यक्रम में पदमश्री ए.एन. पुरोहित, प्रो. एम.सी. बागड़ी, मदन सिंह बिष्ट, गुलाब सिंह नेगी, संजय चौहान , डॉ महेंद्र सिंह कुंवर को गिरी गंगा गौरव सम्मान देकर सम्मानित किया गया। मैती फाउंडेशन के चेयरमैन कल्याण सिंह रावत मैती ने कहा बुग्यालों का धार्मिक और पौराणिक महत्व भी है। उन्होंने मुख्य बुग्याल क्षेत्रों ऑली, गैरसैंण बुग्याल, वेदनी बुग्याल, दयारा बुग्याल, कुशब कल्यांणी बुग्याल को रेखांकित करते हुए चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय व मैती फाउंडेशन मिलकर बुग्यालों के संरक्षण एवम् संवद्धन पर अभियान चलाएगा।
मैती फाउंडेशन की ओर से कुलपति डॉ. उदय सिंह रावट को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया.
इस अवसर पर जागर साम्रगी बसंती देवी बिष्ट ने मनमोहक जागर प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया. कार्यक्रम के संयोजक डा विपुल जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम की समन्वयक डॉ दिव्या नेगी घई ने मंच संचालक किया. इस अवसर पर कुलसचिव डॉ दीपक साहनी, डॉ आर पी सिंह, मनोज तिवारी, विश्विध्याल के सभी संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, फेकल्टी व छात्र छात्राएं उपस्थित थे.