January 14, 2025

आस्थाः क्या है नवरात्रि का शुभ मुहूर्त,घट स्थापना का समय व महत्व।

 

 

 

चमोलीःकरोड़ों हिन्दुओं की आस्था व विश्वास का खास त्यौहार, नवरात्रि के आगमन पर एक ओर जहां बाजार सज चुके है। वहीं दूसरी ओर इस ब्रहमांड की एक मात्र शक्ति स्वरूपा माँ जगदम्बा पराम्बा की पूजा अर्चना के लिए शक्ति पीठ व सभी मंदिर सज चुके है। 15 अक्टूबर से इन मंदिरों में नवरात्रि के शुभ अवसर पर शक्ति देवी के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना की जायेगी,जो 23 अक्टूबर तक अनवरत रूप से चलेगी आठवें दिन महायज्ञ व दसवें दिन पवि़त्र दशहरे का त्यौहार देशभर में मनाया जायेगा।
प्रागैतिहासिक काल से चली आ रही मां भगवती की इस पूजा अर्चना को मुख्य रूप से साल में दो बार आयोजित किया जाता है। जिसमें चैत्र नवरात्रि व अश्विन नवरात्रि प्रमुख है। इस बार शरदीय नवरात्रि अतियंत शुभकारी है। बंगाल में इस पर्व को दुर्गापूजा के विशेष त्यौहार के रूप मनाया जाता है। प्रसिद्ध कथा व्यास व संस्कृत के विद्वान आर्चाय पण्डित डॉ.राजदीप डिमरी के अनुसार इस बार शरदीय नवरात्रि का मुहूर्त प्रातःकाल 6 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 32 मिनट तक है। इस शुभमुहूर्त में माता के सभी भक्तजन कलश स्थापना,जौ रोपण कर सकते है। जो भक्त इस समय इस कार्य को न कर सकें तो वह शुबह 10 बजे से 12 बजे तक कलश स्थापना आदि कर सकते है। इस बार वृषिक,व धनु राशि के लिए यह नवरात्रि का पर्व विशेष मंगल कारी है। बाकी सभी राशि वाले जातक मकान,दुकान,वाहन,जमीन आदि खरीद सकते है। नया कारोबार नया कार्य शुभारंभ कर सकते है।
गौरतलब है कि नवरात्रि के पर्व न सिर्फ आधात्म व शांति प्रदान करता है बल्कि यह खास त्यौहार साल में दो बार जब ऋतु परिवर्तन होती है तब आयोजित होता है जिसका बैज्ञानिक पक्ष स्वास्थ्य के लिए अतियंत लाभकारी होता है। नवरात्रि में देवी की उपासना सादविक भोजन व संयम करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ती है जिससे हमारा शरीर निरोगी होता है। इसीलिए नवरात्रि के पर्व को सनातन धर्म में श्रेष्ठ पर्व माना जाता है।

-भानु प्रकाश नेगी हिमवंत प्रदेश न्यूज

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