November 21, 2024

लापरवाही:पशुधन नस्ल सुधार योजना को पलीता लगा रहे हैं प्रदेश के पशुधन चिकित्सा अधिकारी

चमोली:राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही पशुधन नस्ल सुधार को जिले के पशुधन चिकित्सा अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के बीमार होने  पर उचित उपचार समय पर नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि पशु चिकित्सा अधिकारी पशुओं के बीमार होने पर भी ग्रामीण क्षेत्रों में उपचार के लिए नहीं आ रहे हैं साथ ही केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है निशुल्क कृत्रिम गर्भाधान किए लिए किसानों को किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृत्रिम गर्भाधान प्राइवेट संस्थाओं के जरिए किया जा रहा है, जिसके लिए किसानों को 400 से ₹600 तक का शुल्क देना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय को दुगना करने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें खेती, बागवानी समेत कृत्रिम गर्भाधान के जरिए पशुओं की नस्ल सुधार कर किसानों की आय को दुगना करना है, लेकिन लापरवाह पशुपालन विभाग किसानों की कोई  मदद नहीं कर रहा है। वही पशु चिकित्सा अधिकारियों का कहना है की उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में आने जाने के लिए वाहन और उसके ईंधन की व्यवस्था नहीं रहती है। इसलिए वह समय पर किसानों के पशुओं की चिकित्सा सेवा नहीं दे पा रहे हैं पिछले 1 साल से अधिक समय से कोरोना संक्रमण के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करने मैं भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सोशल मीडिया वायरल

error: Content is protected !!