श्रद्धाजलि: विलक्षण प्रतिभा के घनी थे वरिष्ठ लेखक साहित्यकार व पत्रकार डाॅ योगम्बर सिंह बर्त्वाल।
वरिष्ठ साहित्यकार ,लेखक व पत्रकार डाॅ योगम्बर सिंह बर्त्वाल दिवंगत हो गये । इतने जल्दी इस दुनिया से बिदा हो जायेगे आप ये सोचा नही था बीत एक सप्ताह पूर्व हही आपके घर पर विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई भविष्य की प्लानिंग हो रही थी लेकिन डाॅ साहब आप हमें छोड़कर चले जायेगे हमें यकीन नही हो रहा है।आपके द्वारा मेरा जो मार्गदर्शन किया गया उसके लिए में आपका आजीवन आभारी रहूंगा । सच में हमने एक विलक्षण प्रतिभा के धनी विराठ बुद्धिमान व्यक्ति को खो दिया है।
आपकी यादें मेरे मन मष्तिष्क मैं चिरस्मरणीय रहेगी।
वरिष्ठ साहित्यकार,लेखक,पत्रकार व इतिहासकार डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल का जन्म जनपद चमोली के पोखरी ब्लाक खदेड़
पट्टी रडुवा गांव में 25 जुलाई सन् 1948 को स्व.श्री विजय सिंह बर्त्वाल एवं स्व.श्रीमती कस्तुरा देवी के घर हुआ था। डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल की प्राथमिक शिक्षा रडुवा गांव में,हाईस्कूल नागनाथ पोखरी,इंटरमीडिएट छिनका (गमशाली) पत्रकारिता डिप्लोमा भारतीय पत्रकारिता विद्यापीठ नई दिल्ली,ओडी बाराणसी। एम.ए.(राजनीती विज्ञान) एल.एल.बी. श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय से हुआ।
डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल दून चिकित्सालय देहरादून में पूर्व बरिष्ठ दृष्टि विज्ञानी के पद पर अपनी सेवायें दें चुके है। डॉ बर्त्वाल का स्वतंत्र लेखन- ललित लेखन,यात्रा वृतांन्त,पत्र विधा में लेखन,हिमवन्त काव्य विषयक लेखन,दृष्टि-विकास,कला एवं संस्कृति पर लेखन,आकाशवाणी से कई आलेखों का प्रसारण रहा है।
डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल की प्रकासित पुस्तकों में चन्द्र कुवंर बर्त्ताल का जीवन दर्शन,नेत्रदान,मंगसीरू उत्तराखंड में, विकास पुरूष नरेन्द्र सिंह भण्डारी,चन्द्र कुवंर बर्त्वाल सम्पूर्ण काब्य संग्रह,
डॉ. योगम्बर सिंह बर्त्वाल उन महान विभूतियों में एक थे जिन्होने हिन्दी साहित्य में कालीदास की उपाधि पा चुके कालजयी रचनाकार हिमवंत कवि के नाम से विख्यात चन्द्र कुवंर बर्त्ताल के साहित्य संकलन हेतु चन्द्रकुवंर बर्त्वाल शोध संस्थान उत्तराखंड की स्थापना की । चन्द्र कुवंर बर्त्वाल के बिखरे साहित्य को समेटने का अंत समय तक अथक प्रयास किया। डॉ. बर्त्ताल की बजह से ही हिन्दी साहित्य के उच्च कोटि के कवि के नाम पर नागनाथ पोखरी में राजकीय महाविद्यालय का नाम रखा गया। डॉ. बर्त्ताल के अथक प्रयासों से ही नागनाथ पोखरी में उनकी पुण्यतिथि पर 7 दिवसीय मेले का आयोजन विगत कई सालों से पोखरी में आयोजित किया जा रहा है।
डॉ बर्त्वाल मेरे पत्रकारिता के गुरू रहे है। जब भी कुछ मुझे कुछ सीखने का मन करता डॉ बर्त्ताल मुझे अपने प्रिय शिष्य की तरह अपार ज्ञान का पिटारा मेरे सामने खोल देते थे। उनकी कृपा से में अधिकतर राजनेताओं व चर्चित लोगों की कुण्डली जान पाया हूॅ। उत्तराखंड के इतिहास भूगोल,व संस्कृति का काफी ज्ञान उन्होंने मुझे दिया है। चन्द्र कुवॅंर बर्त्वाल शोध संस्थान में मीडिया का प्रभाग भी उन्हीें के द्वारा मुझे दिया गया। डॉ बर्त्वाल के इस अपार स्नेह के लिए में उनका आजीवन ऋणी रहूंगा।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ योगम्बर सिंह बर्त्ताल को उत्तराखंड का इनसाईक्लोपीडिया भी कहा जाता था। उनकी कुस्राग बुद्धि व याददाश्त उम्र के अंन्तिम पड़ाव में भी इतनी तेज थी कि उनकों उत्तराखंड के एक एक घटनाक्रम,चर्चित व्यक्तियों व स्थानों के बारे में हर चीज जुबानी याद था। किसी भी व्यक्ति के बारे में उसका इतिहास भूगोल जानना हो तो डॉ बर्त्वाल उस व्यक्ति जन्म कुण्डली निकालकर सामने रख देते थे। डॉ बर्त्वाल विकास पुरूष के नाम से प्रसिद्व प्रसिद्ध राजनेता व पत्रकार स्व. नरेन्द्र सिंह भण्डारी जी के भी बहुत करीबी रहे है। उनकी स्वं. नरेन्द्र सिंह भण्डारी पर एक पुस्तक विकास पुरूष नरेन्द्र सिंह भण्डारी बीते साल प्रकासित हो चुकी है। जिसमें उन्होने स्व भण्डारी की डायरी के कुछ पेज भी छापे है।
निश्चित तौर पर डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल जी के जाने से सम्पूर्ण उत्तराखंड के साहित्य,पत्रकारिता को अपूर्णीय छति पंहुची है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।मेरी डॉ योगम्बर बर्त्ताल को अशु्रपूर्ण श्रृद्धांजलि।
-भानु प्रकाश नेगी मीडिया प्रभारी चन्द्रकुवंर बर्त्वाल शोध संस्थान देहरादून