उत्तराखंड की वंदना कटारिया ने ‘करो या मरो’ मैच में लगाई हैट्रिक, तीन गोल कर इतिहास के पन्नों में हुईं दर्ज



टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने मेडल की उम्मीद बनाई हुई है। अपने ‘करो या मरो’ के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका की टीम को 4.3 से हराकर क्वार्टर फाइनल में एंट्री कर ली। उत्तराखंड की बेटी और भारतीय महिला हॉकी टीम की स्ट्राइकर वंदना कटारिया की ऐतिहासिक हैट्रिक के दम पर भारत ने यह जीत हासिल की है। वंदना कटारिया टोक्यो ओलंपिक के इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई । दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में उन्होंने तीन गोल दागे और टीम की जीत में मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने चौथे, 17वें और 49वें मिनट में गोल किया।
1984 के बाद किसी भारतीय ने ओलंपिक में हैट्रिक नहीं लगाई थी। बता दें कि इससे पहले आखिरी बार 1984 ओलंपिक में पुरुष हॉकी खिलाड़ी विनीत शर्मा ने गोल की हैट्रिक लगाई थी। मलेशिया के खिलाफ मैच में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की थी और भारत ने मुकाबले को 3-1 से जीता था।

कौन हैं वंदना कटारिया
वंदना कटारिया हरिद्वार के रोशनाबाद की रहने वाली हैं। वंदना पिछले कुछ सालों में भारत के सबसे बेहतर और अग्रिम खिलाड़ियों में से एक हैं। वंदना कटारिया साल 2006 में भारतीय जूनियर टीम का हिस्सा बनी थीं और 2010 में इन्हें सीनियर राष्ट्रीय टीम में ले लिया था। वंदना कटारिया 2013 में जर्मनी में हुए जूनियर विश्व कप में कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं। इस दौरान यह इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा गोल करने वाली खिलाड़ी बनीं।
वंदना ने ऐतिहासिक उपलब्धि से दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि दी है। अपनी तैयारी के चलते वह पिता के निधन पर भी गांव नहीं आ सकी थीं। वंदना के पिता की 30 मई को हृदयगति रुकने से निधन हो गया था। वंदना के पिता की इच्छा थी कि बेटी ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा बनें। वंदना की इस उपलब्धि पर पूरे देश सहित परिजनों, ग्रामीणों और जिले के खेल अधिकारियों में जश्न का माहौल है।