सदन में हावी हुआ पहाड़ मैदान का मुद्दा,एक बार फिर भिड़े प्रेमचंद और मदन बिष्ट।



The issue of mountain and plain dominated the House, Premchand and Madan Bisht clashed once again.
देहरादून:बजट सत्र में पहले दिन से चली रही संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट के बीच आज फिर तीखी नोंकझोंक हुई, मामला पहाड़ मैदान का हुआ तो स्पीकर ऋतु खंडूरी ने खरी खरी सुनाई।
भोजन अवकाश से ठीक पहले नियम 58 पर चल रही चर्चा में कांग्रेस के अल्मोड़ा से विधायक मनोज तिवारी ने जिला प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए पहाड़ों जनपदों में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी अव्यावहारिक नियमों को लेकर सवाल खड़ा किया कि जहां पर साइकिल खड़ी करने की जगह नहीं हैं वहां नक्शा पास करने के लिए गाड़ी की पार्किंग की अनिवार्यता हैं। और इस जैसे कई ऐसे सख्त नियम पहाड़ी क्षेत्रों में लागू है जो मैदानी क्षेत्रों में तो संभव हैं लेकिन पहाड़ों पर व्यवहारिक नहीं हैं। इस पर कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी, संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से जवाब मांग रहे थे और ये बहस चल ही रही थी कि विपक्ष के अन्य नेता भी बहस में कूद पड़े।
प्रेमचंद अग्रवाल और मदन बिष्ट के बीच फूटा पहाड़ मैदान का मुद्दा



पहले से चली आ रही प्रेमचंद अग्रवाल और कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट की तनातनी यहां ओर बढ़ती नजर आई जब मनोज तिवारी और प्रेमचंद के बीच हो रही बहस के बीच मदन बिष्ट कूद पड़े और उन्होंने प्रेमचंद अग्रवाल को इंगित करते हुए कहा कि यह पहाड़ियों के साथ सौतेला व्यवहार हैं। विपक्ष की ओर से क्षेत्रवाद को बढ़ावा देती इस टिप्पणी से संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल बिफर गए और आग बबूला हो गए। उन्होंने सदन में कहा कि क्या में उत्तराखंड का नहीं हूं। कुछ लोग पहाड़ मैदान ओर क्षेत्रवाद के मुद्दों पर राजनीति कर प्रदेश को गर्त में ले जाने का काम कर रहे हैं। वही इस पर दूसरी ओर से मदन बिष्ट भी लगातार बोलते रहे। सदन से बाहर आने के बाद भी मदन बिष्ट ने मीडिया से बात करते हुए बोला कि वो प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ कोर्ट से नोटिस भिजवाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रेमचंद अग्रवाल ने पहाड़ियों का अपमान करते हुए बयान दिया हैं कि पहाड़ी शराब पीते हैं और ये मानसिकता दिखाती हैं पहाड़ी जन भावना के साथ किए गए इस राज्यबके गठन में लगातार पहाड़ के साथ भेदभाव किया जा रहा हैं।।
