लम्पी बीमारी फैलने के बाद हरकत में आया पशु पालन विभाग।





चमोली/पोखरीः विदेशों से फैली लम्पी बीमारी बीते साल राजस्थान,पंजाब यूपी आदि राज्यों में कहर बरपा चुकी है। वर्तमान समय में यह खतरनाक बीमारी उत्तराखंड के अनेक जनपदों में फैली हुई है। जिसके कारण अभी तक सैकड़ों जानवर असमय काल के ग्रास बन चके है। लम्पी बीमारी को हल्के में ले रहे पशुपालन विभाग द्वारा पूर्व में टीकाकरण करने में लापरवाही वरती गई जिसका भुगतान अब गरीब कास्तकारों को अपने पशुओं की छति से करना पड़ रहा है।
वहीं चमोली जनपद में अनेक क्षेत्रों में लम्पी बीमारी के कारण गाय,बैल बछडें बुरी तरह से ग्रसित है। कई जानवरों की यहां इस बीमारी से मौत भी हो चुकी है। वहीं पोखरी ब्लाक के रौता,चौण्डी,मज्याड़ी से लेकर हरिशंकर,गनियाला,तमुण्डी,काण्डईखोला विरसण,चौम्वाडा,सिमखोली सिनाउ आदि ग्राम पंचायतों में लम्पी बीमारी फैले लगभग दो माह का समय होने वाला है। लेकिन अब जाकर पशुपालन विभाग के डॉक्टरों की टीम जायजा के लिए इन गांवो में पंहुच पाई है। इनमें से भी कई गांव ऐसे है जहां अभी तक पशुपालन की टीम नहीं पंहुच पाई है। पशु पालन विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि जिन गोसालाओं में लम्पी बीमारी फैली हई है, उनमें अन्य जानवरों को टीके नहीं लगाये जा सकते है। क्योंकि तब यह बीमारी तेजी से फैल सकती है। हॉलाकि सिनाउ ग्राम पंचायत में अभी तक बीमारी केवल एक दो जानवरों तक सीमित रही है। यहां विभाग द्वारा टीकाकरण किया जा चुका है। विभागीय डॉक्टरों का दावा है कि यह बीमारी अब दो सप्ताह तक ही रहेगी। हॉलाकि इन गांवों दूर की गौसालाओं में विभाग द्वारा अब कुछ पशुओं पर टीकाकरण हो पाया है। लेकिन अभी भी बीमारी फैलने का भय बना हुआ है।
वही ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हऐ कहा कि जब इस बीमारी का टीका पहले बना हुआ था तो यह कुछ माह पूर्व में क्यों नहीं लगाया गया? ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पशुपालन विभाग द्वारा कई गांवों के जानवरों को टोकन तक नहीं लगाया गया है। साथ ही हर साल जानवरों में लगने वाले खुर पका मुंहु पका बीमारी का टीकाकरण भी नहीं किया जाता है। स्टॉफ की कमी की का रोना रो रहे पशु पालन विभाग के कर्मचारियों द्वारा सारा दोष राज्य सरकार के मत्थे मारा जा रहा है। लेकिन जिन पशु पालकों को जानवरों का नुकसान हो चुका है उसकी भरपाई कैसे होगी यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
गौरतलब है कि, राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय को बढाने के लिए कृषि के साथ साथ पशुपालन व बागवानी को भी जोड़ा गया है। लेकिन लम्पी बीमारी के कारण किसानों को लगातार हो रही पशुधन की हानि के बाद किसानों की आय को दुगना करने के लक्ष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। ऐसे में देखना यहा होगा कि केन्द्र व राज्य सरकार इस मामले में कब तक किसान हित में निर्णय ले पाती है।
भानु प्रकाश नेगी,हिमवंत प्रदेश न्यूज पोखरी चमोली

