तो अकील अहमद की शर्त उत्तराखंड मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना पर बने आर्येन्द्र शर्मा कांग्रेस उम्मीदवार

देहरादूनःप्रदेश में मुस्लिम यूनिवर्ससिटी का मामला कांग्रेस के गले की फांस बनता जा रहा है। दरअसल सहसपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्यासी व प्रदेश उपाध्यक्ष कांग्रेस अकील अहमद इस सीट पर अपना दावा पेस कर चुके थे लेकिन सहसपुर सीट पर कांग्रेस ने आयेन्द्र शर्मा को टिकट दिया,जिससे अकील अहमद ने निर्दलीय प्रत्यासी की उम्मीदवारी कर दी। अकील अहमद के इस सीट पर दावेदारी को लेकर कांग्रेस की मुस्लिम वोट बैंक खिसकता देख अकील अहमद को मनाने के लिए कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने एक मीटिंग की। जिसमें अकील अहमद ने उत्तराखंड मुस्लिम यूनिवर्ससिटी की मांग की जिससे स्वीकार कर लिया गया। जिससे उन्होंने अपनी दावेदारी छोड कांग्रेस के पक्ष में सर्मथन कर दिया है। लेकिन अब इस मामले पर उत्तराखंड में सियासत गरमा गई है। एक ओर कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस मुद्दे पर बयान देने से बच रहे है वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस पर प्रहार करते हऐ कहा है कि कांग्रेस ने अपनी मानसिकता का परिचय दे दिया है,फैसला जनता को करना है।


वही सियासी गलियारों में अकील अहमद का बीडियो वायरल हो रहा है जिसमे वह कह रहे है कि मुस्लिम यूनिवर्ससिटी बनाने की बात पर उन्होंने सहसपुर सीट से अपनी उम्मीदवारी हटा दी है,वीडियो में वह यह भी कहते हुऐ नजर आ रहे है कि, हरीश रावत ने कहा है कि सत्ता में आने पर मुस्लिम यूनिवसिटी बनायी जायेगी। वही दूसरी ओर इस खबर के बाद से सोशल मीडिया पर हरीश रावत को सफेद दाड़ी व लाल टोपी पहनाकर उत्तराखंड मुस्लिम विश्वविद्यालय के नए चांसलर का टाइटल दिया गया है। सोशल मीडिया पर उत्तराखंड में मुस्लिम विश्वविद्यालय की पैरवी करने वाली कांग्रेस पाटी चुनाव के वक्त इस खबर को कंट्रोल डायमेज करने में लगी हैं। वही भाजपा इसे राजनीतिक रंग देकर आग में घी डालने का काम कर रही है।देखने वाली बात यह होगी की मुस्लिम यूनिवर्ससिटी की पैरवी करने वाली कांग्रेस को इसका फायदा होता है या भारी नुकसान इसका फैसला 10 मार्च 2022 को हो जायेगा।
-भानु प्रकाश नेगी, हिमवंत प्रदेश न्यूज