तो क्या फिर उत्तराखंड में लग सकता है राष्ट्रपति शासन?
ममता की ही तरह उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का भविष्य भी अधर में लटक गया है। तीरथ सिंह रावत को भी 10 सितम्बर तक विधानसभा की सदस्यता ग्रहण करनी है, जो कि समयाभाव के चलते कठिन लग रहा है।
तीरथ सिंह के लिए अतिरिक्त संकट यह भी है कि विधानसभा चुनाव के लिए एक साल से कम समय रह गया है और ऐसी स्थिति में कोई सीट खाली भी हो जाए तो भी उस पर उपचुनाव नहीं हो पाएगा, इसलिए राज्य में नेतृत्व परिवर्तन या फिर राष्ट्रपति शासन का ही विकल्प बच सकता है।