उत्तराखंड राजनीति को हमेशा खलेगी कांग्रेस की कद्दावर नेता का यूं चले जाना

कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश के आकस्मिक निधन से पूरे प्रदेश में शोक व दुख की लहर दौड़ गई है। वह दिल्ली में कांग्रेस संगठन की बैठक में शामिल होने गईं थीं। जहां रविवार की सुबह उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका निधन हो गया। उनके निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तराखंड के कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल समेत कई नेताओं, मंत्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने डॉ. इंदिरा हृदयेश के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इंदिरा हृदयेश ने पिछले चार दशक से यूपी से लेकर उत्तराखंड की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाई। वे एक कुशल प्रशासक, वरिष्ठ राजनीतिज्ञ व संसदीय ज्ञान की जानकार थीं। वहीं डॉ. इंदिरा ह्रदयेश के निधन पर पीएम मोदी ने भी दुख जताते हुए ट्वीट किया, ‘डॉ. इंदिरा हृदयेश जी हर सामुदायिक सेवा प्रयासों में सबसे आगे रहती थीं। उन्होंने एक प्रभावी विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाई और उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव भी था। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति’
आयरन लेडी के नाम से थी प्रसिद्ध


जब-जब उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार रही, इंदिरा ह्रदयेश कैबिनेट मंत्री रहीं। एनडी तिवारी सरकार में उनका दबदबा ऐसा था कि उन्हें सुपर मुख्यमंत्री तक कहा जाता था। लोकनिर्माण विभाग, संसदीय कार्य मंत्री, वित्त मंत्री जैसे अहम विभागों की मंत्री रहीं। एनडी तिवारी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत,तीनों के ही मुख्यमंत्री काल के दौरान उनके अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी रही। कांग्रेस में कलह के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री तक बनाने की बात कही गई थी। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत उत्तर प्रदेश से की और नेता प्रतिपक्ष के रूप में समाप्त की। हृदयेश की मौत से उत्तराखंड कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। 80 साल की इंदिरा ह्रदयेश का एक लंबा राजनीतिक जीवन रहा। इंदिरा ह्रदयेश उत्तराखंड की राजनीति में आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्ध थीं। वह 1974 में पहली बार अविभाजित उत्तर प्रदेश के लिए विधान परिषद की सदस्य चुनी गईं और फिर लगातार चार बाद इसकी सदस्य रहीं। दिवंगत मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के करीबी लोगों में शामिल इंदिरा को उत्तराखंड, विशेषकर कुमाऊं क्षेत्र में कांग्रेस का दिग्गज नेता माना जाता था। राज्य बनने के बाद जब पहली बार 2002 में विधानसभा चुनाव हुए तो वह हल्द्वानी से विधायक रहीं और तब से वह केवल एक बार यहां से चुनाव नहीं जीत सकी।