अंकिता हत्याकांड पर मचा सियासी बवाल,कांग्रेस ने मौन धरना तो आप न किया कोतवाली में आरएसएस नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज
दिल दहला देने वाले चर्चित अंकिता भण्डारी हत्याकांड के बाद जहां समूचे उत्तराखंड में भारी जनआक्रोश व्याप्त है। इस हत्याकांड पर पक्ष व विपक्ष आपने सामने आ गया है। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के नेतृत्व में जहां गांधी पार्क में मौन धरना दिया। वही आम आदमी पार्टी ने आरएसएस के नेता विपिन कर्णवाल की आपत्तिजनक पोस्ट पर थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया है। आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता कमलेश रमन ने आरएसएस नेता विपिन कर्णवाल को इस मामले में तत्काल गिरफतार कर मुकदमा दर्ज करने की बात कही है।

वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिवंगत अंकिता भण्डारी के परिजना को 25 लाख रूपये की आर्थिक मदद देने के अधिकारियों को निर्देश जारी किये है।साथ ही पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने की बात भी कही है।इस मामले में अभी तक सीएम धामी काफी सक्त एक्सन के मुड में है।
आपको बता दें कि बीते दिनों भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य अंकिता भण्डारी की हत्या का मुख्य आरोपी है।इससे पहले पुलकित आर्य पर हरिद्वार में 2016 में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है। जिसमें 420 व 468 की धारा के तहत यह मामला दर्ज कराया गया है।
इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने वंनतरा रिर्जाट पर बोल्डोजर चलाये जाने की कार्यवाही पर सवालिया निसान लगाये है उन्होंने कहा है कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई के द्वारा होनी चाहिए। वही आरएसएस के नेता विपिन कर्णवाल की विविद पोस्ट का आम आदमी पार्टी द्वारा विरोध किया गया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि इस घटना का सबसे बड़ा गुनाहगार लड़की का बाप है। जो कच्चा दूध भूखें बिल्लों के सामने रख देता है।उसके लिए क्या सड़कों पर चिल्लाना जो बाद में लड़की की लाश भी बेच दें।

बहरहाल दिवंगत अंकिता भण्डारी के मामले में जहां भाजपा सरकार डाईमेज कंट्रोल में लगी है वही मुख्य विपक्षी पार्टियांे अपनी अपनी राजनीतिक रोटियों सेकने से पीछे नहीं हट रही है।लेकिन भाजपा सरकार की मुस्किल दिनों दिनों उनके ही पार्टी से जुडे़ संगठन व छुटभैया नेता बढते जा रहे है। जो नित विवादित बयानों से विपक्ष को बैठे बिठाये मुददें दे रहे है। अब देखने वाली बात यह होगी कि अंकिता भण्डारी की निर्मम हत्या के बाद पीड़ित परिवार को कब न्याय मिल पाता है।
