बड़ी खबर: नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटाई, कुछ शर्तों के साथ मिली इजाजत
उत्तराखंड से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर आई है। नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा लगी रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दी है। चीफ जस्टिस आर. एस. चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की बेंच ने सरकार के शपथ पत्र पर सुनवाई करते धामी सरकार को बड़ी राहत दे दी है।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने 26 जून को कोरोना संक्रमण के खतरे और उत्तराखंड सरकार की आधी-अधूरी तैयारियों के चलते चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद बीते जुलाई महीने में धामी सरकार चार हफ्ते की नैनीताल हाईकोर्ट में स्टे के खिलाफ SLP लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। लेकिन जुलाई-अगस्त बीत जाने के बाद भी सरकारी वकील मामले की लिस्टिंग तक नहीं करा पाए। लिहाजा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से SLP वापिस लेकर दोबारा 10 सितंबर को नैनीताल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां उसे राहत मिल गई।
नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर कुछ प्रतिबंधों के साथ अनुमति दी है…..
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केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त या यात्रियों, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600 और यमनोत्री धाम में कुल 400 भक्तों जाने की अनुमति।
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हर भक्त या यात्री को कोविड निगेटिव रिपोर्ट और डबल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेकर जाना अनिवार्य।
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चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान जरूरत के अनुसार पुलिस फोर्स लगाई जाए।
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भक्त किसी भी कुंड में नहीं कर सकेंगे स्नान