सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए शहीद दीपेन्द्र
जम्मू कश्मीर के तंगधार क्षेत्र में शहीद हुए सैनिक दीपेंद्र कंडारी का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव नया गांव मे पहुंचा जहाँ सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गई। सलामी के बाद पार्थिव शरीर को मुख़ाअग्नि दी गई और देखते ही देखते गमगीन माहौल मे शहीद का पार्थिव शरीर पंचतत्त्व मे विलीन हो गया।
दरअसल आपको बता दे की दीपेंद्र कंडारी के पिता सुरेन्द्र कंडारी भी सेना मे सूबेदार थे जो सेवानिवृत हो गए थे। शहीद दीपेंद्र कंडारी उत्तराखंड मे चमोली जिले के करछूना गांव के मूल निवासी है जो देहरादून के नयागांव मे रहते है। शहीद दीपेंद्र कंडारी तीन भाइयो मे सबसे छोटे थे। जो अपने पीछे अपनी मां पिता और अपनी पत्नी रीना कंडारी के साथ साथ दो बच्चो को रोता बिलखता छोड़ गए, लेकिन शहीद के पिता को अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। शहीद दीपेंद्र कंडारी जम्मू कश्मीर के तंगधार क्षेत्र में 17 वी बटालियन गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे और देश की सेवा कर रहे थे। सैनिक दीपेंद्र कंडारी ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। शव यात्रा मे विभिन्न राजनितिक पार्टियों के साथ साथ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।