कैलाश मानसरोवर यात्रा नीती घाटी से शुरू होने पर मिलेगा स्थानीय लोगों को रोजगार





यदि भविष्य में भारत सरकार द्वारा कैलाश मानसरोवर की यात्रा उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के नीती घाटी से शुरू किया जाता तो इस रूट से देश की राजधानी दिल्ली से लेकर कई राज्यों व उत्तराखंड के कई जिलों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल सकता हैं।कैलाश मानसरोवर यात्रा जनपद चमोली के नीती घाटी से खुलने से जहां पर्यटकों की आवाजाही से घाटी आबाद होगी वही पर्यटन के नए नए टेस्टिनेशन विकसित होंगे। क्योंकि जहां उत्तराखंड की पहचान देव भूमि से है वही पर्यटन के लिए भी संसार के मानचित्र में उत्तराखंड का अपना अलग ही पहचान है।
उत्तराखंड में देश विदेश से हजारों लोग चार धाम यात्रा करके जहां अपने आप को धन्य व सौभाग्यपूर्ण मानते है वही जनपद चमोली के औली, फूलों की घाटी,नंदी कुंड जैसे रमणीक स्थानों पर घूमकर प्रफुलित होते हैं।
उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ ब्लॉक के नीती घाटी जो कि पौराणिक समय से भारत और तिब्बत का व्यापार एवं पारस्परिक सम्बन्धों का केंद्र रहा है जिसके चलते सीमांत घाटी के लोग व्यापार करते थे जिससे पूरा क्षेत्र धन-धान्य से समृद्ध था किंतु 1962 मे चीन आक्रमण से तिब्बत चीन का आधिपत्य हो गया युद्ध के बाद भारत तिब्बत सीमा पर व्यापार व आवाजाही पूर्ण रूप से बंद हो गया जिसके कारण यहां के लोगो का रोजगार पूर्ण रूप से छिन गया जिसका प्रत्यक्ष रूप से नुकसान भी नीती माणा घाटी के भोटिया जनजाति के लोगों को उठाना पड़ा क्योंकि यही लोग तिब्बत व्यापार किया करते थे।
जबकि यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है वर्तमान सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भारत सरकार से नीती घाटी में स्थित टैमरसैण महादेव जिसको छोटा अमरनाथ भी कहा जाता है को अमरनाथ की तर्ज पर विकसित करने की सिफारिश की है।जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार की आश जगी है।
यदि इस घाटी को कैलाश मानसरोवर यात्रा की दृष्टि कोण से देखा जाय तो उत्तराखंड के हरी के द्वार हरकी पैड़ी हरिद्वार से ही यहां के लिए यात्रा प्रारंभ हो जाती है। यहां से यात्री पांचों प्रयागों के दर्शन करते हुए जोशीमठ पहुंचता है उसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य के तप स्थली ज्योतिर्मठ,आदि केदारेश्वर,तपोवन मे मां गौरा का भव्य मंदिर व गर्म पानी के स्रोत तप्तकुंड के दर्शन करते हुए चिपको आंदोलन की जननी गौरा देवी के कर्मस्थली रैणी गॉव मे मां काली के दर्शन,लाता मे हिमालय के आराध्य माँ नन्दा देवी के दर्शन,द्रोणागिरी पर्वत के दर्शन जहां से हनुमान जी संजीवनी बूटी ले कर गए थे आज भी वह पर्वत श्रृंखला साक्षात दर्शनार्थ हेतु विराजमान है तत्पश्चात यात्रीगण मलारी इष्ट देवी हीरामणी के दर्शन करते हुए,बाम्पा मे फैला पँचनाग भगवान का दर्शन व भारत का प्रथम गॉव नीती मे टैमरसैण महादेव के दर्शन करते हुए नीती गॉव पहुँच जाते है।नीती गॉव से आगे गोलटिंग,सैपुक, गैलडूंग,गणेश गंगा,क्यूंगलोंगमण्डी औऱ क्यूंगलोंगमण्डी से सीधे नीती पास पहुँचा जा सकता है,नीती पास से आगे तिब्बत का क्षेत्र प्रारम्भ हो जाता है।बुजुर्गों का कहना है कि नीती पास से आगे कैलाश मानसरोवर की यात्रा पैदल मार्ग से दो दिन मे तय किया जा सकता है।दिल्ली से नीती पास तक लगभग साढ़े छः सौ से सात सौ किमी0 की दूरी अनुमानित आंकी गई है।
बताया जाता है कि 1948 मे जब राष्टपिता महात्मा गांधी की हत्या हुई तो उनकी इच्छा के अनुसार उनकी अस्थि कलश को महात्मा गांधी के शिष्य बुद्धा घोष जो कि कोलकता के रहने वाले थे उनके द्वारा दिल्ली से हरिद्वार व हरिद्वार से नीती घाटी के रास्ते कैलाश मानसरोवर मे विसर्जित किया गया ।
ये भी बताया जाता है कि जब बुद्धा घोष अस्थि कलश लेकर हरिद्वार से बाम्पा पहुँचे तो वहां से अपने साथ मार्ग दर्शक के रूप में स्व0 बाला सिंह पाल जी को अपने साथ ले गए स्व0 बाला सिंह पाल जी ने गाइड के रूप में बुद्धा घोष को कैलाश मानसरोवर तक पहुँचाया।उस समय इस घाटी मे यातायात की सुविधा नही थी लेकिन वर्तमान समय में
नीती गॉव से आगे बॉर्डर तक सड़क निर्माण का कार्य वर्तमान समय में सीमा सड़क संगठन द्वारा युद्ध स्तर पर किया जा रहा है जिससे कैलाश मानसरोवर की यात्रा और भी सरल व सुगम हो जाती है।आगे खुले मैदान,पठार व बुग्याल का आनंद लेते हुए कैलाश मानसरोवर तक पहुँचा जा सकता है यह यात्रा दिल्ली से मात्र आठ या दस दिनों में पूर्ण की जा सकती है यह मार्ग सबसे सुलभ और सुखद है।
यदि कैलाश मानसरोवर यात्रा नीती घाटी से प्रारम्भ होती है तो क्षेत्र मे पर्यटकों की आवाजाही बनी रहेगी रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे पलायन रुकेगा साथ ही साथ स्थानीय लोग होम स्टे जैसी सरकार की सफल योजना का लाभ भी ले सकते है जो कि भारत सरकार व उत्तराखण्ड सरकार का लक्ष्य भी है।साथ ही साथ वाइब्रैंट विलेज (जीवंत ग्राम) जैसी भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना का सपना भी साकार होगा।
रिपोर्ट-
पुष्कर सिंह राणा
हिमवंत प्रदेश न्यूज़
नीती माणा घाटी/ जोशीमठ

