मज्यिाड़ी गांव में पांड़व नृत्य में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब,17 नवंम्बर को होगा भव्य ‘चक्रव्यूह’ नाटक का मंचन
चमोली/मज्यिडी: उत्तराखंड की अनोखी लोकपरंपरायें सदियों से देश व दुनियां के सैलानियों के लिए आक्रषर्ण केन्द्र रही है। यहां समय समय पर क्षेत्र की सुख समृद्ध एवं खुशहाली के लिए देवी देवताओं के नृत्य नाटक,दिवारा यात्रायें आयोजित की जाती है। जिनका उद्देश्य एकता व सहयोग और एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र की संस्कृति को जानना व समझना होता है। इसी क्रम में चमोली जनपद के पोखरी व्लाक ग्राम मज्यिाड़ी में 8 वर्षो के उपरांन्त पांडव नृत्य का आयोजन किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य क्षेत्र की खुशहाली है।
9 नवंम्बर को मोहरी के दिन से शुरू हुआ यह पांडव नृत्य में अभी तक 10 नवंम्बर को गैण्डा बध व 11 नंवम्बर को गंगा स्नान का भब्य आयोजन हो चुका है ,जिसमें क्षेत्र के अनेकों गांवों से पांडव देवताओं के दर्शनों के लिए भक्त मज्यिाड़ी गांव में पंहुच रहे है। वहीं 70 वर्षीय ग्रामीण दर्शन रावत ने बताया कि 14 वर्ष की उम्र से वह पांडव देवता के पश्वा है लेकिन इन 70 सालों में जितने भक्तों की भीड़ 12 नंवम्बर को थी वह आज तक कभी नहीं दिखाई दी। वहीं पांडव लीला के अध्यक्ष अजीत सिंह रावत ने बताया कि 17 नवम्बर को चक्रव्यूह रचना व 18 को दुर्योधन बध का शानदार मंचन मज्यिाड़ी गांव में आयोजित किया जायेगा जिसमें भक्तो की भारी भीड़ उमड़ेगी।
कार्यक्रम में अध्यक्ष अजीत सिंह रावत उपाध्यक्ष उमेद सिंह रावत,कोषाध्यक्ष सत्यापाल सिंह रावत के अलावा नव युवक मंगलदल,महिला मंगलदल एवं समस्त ग्राम सभा मज्यिाड़ी के भक्तों का आपार सहयोग मिल रहा है।
भानु प्रकाश नेगी,पोखरी।