रामेश्वरम मंदिर बड़मा में शिव महापुराण के नवम दिवस पर धर्मशाला का भव्य लोकार्पण



पट्टी बडमा- विगत पाँच जून से पट्टी बड़मा के रामेश्वरम मन्दिर तिमली बड़मा में आयोजित शिव महापुराण के नौवें दिवस पर व्यास पीठ पे विराजमान पण्डित द्वारिका प्रसाद गौड ने शिवमहापुराण कथा के दौरान कहा कि संचार के प्राणियों पर समुद्र मंथन से निकले अमृत पीने से देवताओं को देव कहा गया और सम्पूर्ण जगत के कल्याण के लिए समुद्र मंथन से निकले जहरीले विष को पीकर शिव महादेव कहलाने लगे । उन्होंनेे कहा जिस प्रकार से एक साधारण पत्थर को पूजने से उसमें भगवान दिखना शुरू होता है, ऐसे ही आम इन्सान को अच्छे कर्म कर खुद में परमात्मा को स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।



वही इस पवित्र अवसर पर मंदिर परिसर में ग्राम थाती बडमा के विशम्बर रावत (सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता ) ने अपनी पूर्व में की गयी घोषणा के अनुरूप आपदा से बहे रामेश्वरम मंदिर बड़मा के परिसर में धर्मशाला को बनाने का संकल्प लिया और शिवमहापुराण कथा के नवम दिवस पर पट्टी बड़मा के आराध्य रामेश्वरम महादेव तिमली बड़मा को अपने स्वर्गीय पिताजी दौलत सिहं रावत एवं स्वर्गीय माता वच्चनदेई देवी के नाम से सपरिवार एवं समस्त ग्राम थाती बड़मा वासियों सहित क्षेत्रीय जनता की उपस्थिति में धर्मशाला को लोक कल्याण हेतु समर्पित किया ।
इस मौके पर रामेश्वरम मंदिर के पूज्य मंहत सोमेश्वर गिरी महाराज ने विशम्बर रावत द्वारा निर्मित धर्मशाला के निर्माण करने पर कहा कि समाज को सबसे बड़ा आश्रय अगर कोई देने का कार्य करता है तो ऐसे धर्मशालाओं का निर्माण कर पुण्य अर्जित करते हैं। साथ ही रामेश्वरम महादेव मंदिर समिति ने इस लोकार्पण पल पर विशम्बर रावत एवं उनकी धर्मपत्नी गीता देवी सहित उनके अनुज भ्राता सते सिहं रावत तथा श्रीमती दीपा देवी, अनुज भ्राता स्वर्गीय रणवीर रावत की धर्मपत्नी कुलदेई देवी का माल्यार्पण कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर समाजसेवी विशम्बर रावत के द्वारा मंदिर कमेटी का भी सम्मान किया गया। इस दौरान मदन सिंह नेगी,जयेन्दर रावत ,त्रिलोक रावत , शुखदेव रावत , कालीचरण रावत ,ऊमा दत्त सेमवाल ,सुरेन्द्र असवाल , पदमेन्दर बर्तवाल , सुरेन्द्र रावत ,संजय रावत ,लाल सिंह नेगी ,दलीप रावत , आदि शिवभक्त मौजूद रहे। कार्यक्रम संचालन सुखदेव रावत द्वारा किया गया।
