देवी भगवती अनेक स्वरूपों में हर जगह विद्यमान है:आचार्य शिव प्रसाद ममगाई


गोपेश्वर/मंडलः भारत देश मे सभी संस्कार उत्पन्न हुए हैं देवी के स्वरूपो को कहीं राधा कही सीता कही सरस्वती कही लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है वह प्रकृति नित्य मानी गयी है उक्त विचार ज्योतिष्पीठ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने अनसूया माता मंदिर मंडल गोपेश्वर चल रही श्रीमद्देवी भगवत में व्यक्त करते हुए कहा कि परमात्मा की सास्वत लीला है अग्नि में जलाने की शक्ति चंद्रमा व कमल में कमनीयता शोभा शक्ति सुर्य में प्रभात शक्ति रहती है।
वैसे यह प्रकृति परमात्मा में नित्य विराजमान रहती है, जैसे स्वर्णकार सोने के बिना आभूषण कुमार मिट्टी के बिना वर्तन नही बना सकता वैसे परमात्मा भी सृष्टि के निदान कारण है शक्ति सब्द में दो शब्द है स ऐश्वर्य वाचक अक्ति पराक्रम वाचक है जिस प्रकति में वाक चातुर्य व पराक्रम दोनों ही विद्यमान है उसे शक्ति कहते हैं। उसी तरह भगवती में भी दो शब्द है भग का मतलब ऐश्वर्य वति का मतलब षड ऐश्वर्य है

अतः ज्ञान समृद्धि यश बल से परिपूर्ण होने के कारण प्रकृति देबी ही भगवती शक्ति है उस शक्ति से युक्त होने के कारण परमात्मा भी भगवान कहलाता है ये सर्व तन्त्र स्वतंत्र होते हुए आत्मप्रभु साकार व निराकार भी है इनका निराकार भी परम् तेजमय है योगी परुष सदा उसी तेजमय पुरुष का ध्यान करते हैं और कहते हैं कि परमात्मा सर्वत्र ईश्वर व आनंद स्वरूप है, उस अवस्था मे प्रकृति पुरुष का सम्बंध रहता है इसलिए वह सत चित आनंदमय है अदृश्य है किंतु सभी को दिखती है इसी कारण यह सर्व स्वरूप है ये ब्रह्म ओंकार के मध्य भाग में विराजते हैं गौ के सुशोभित उस गो लोक में भी श्रीकृष्ण भगवान की अज्ञानुसार ब्रह्म आदि देवता राधा की पूजा करने लगे तत्पश्चात सुयघ राजा ने उस राधा देवी का पूजन किया भगवान शंकर के आदेश से सबने राधा की उपासना करी अनेक कलाओं से राधा व शक्ति की जो कलाएं उतपन्न हुई उनकी भारतवर्ष में पूजा हुई और होनी भी चाहिए तभी से घर घर मे देवी के स्वरूपो की पूजा हुई आदि प्रसंगों पर श्रोता भाव विभोर हुए यह देवी भागवत यज्ञ एक मंगल उत्सव सा प्रतीत हो रहा है।
विशेष रूप से विश्व पर्यावरण दिवस पर व्यास जी के द्वारा आज वृक्षारोपण भी किया गया इस अवसर पर विशेष रूप से डॉक्टर प्रदीप सेमवाल, नंदन सिंह राणा, अनसूया रथ डोली अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट देवेंद्र सिंह बड़थ्वाल, अनसया मंदिर ट्रस्ट समिति विनोद सिंह राणा, सचिव दिगम्बर बिष्ट, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह राणा, मोहित रतूड़ी मंडल प्रधान पुष्कर सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान सिरोली आरती देवी, लज्जावती देवी, नेहा पुंडीर, राहुल राणा, विपुल राणा आदि भक्त गण भारी संख्या में उपस्थित थे!!