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उत्तरकाशी मोरी/सटुडीःउत्तराखंड राज्य गठन के 21 साल बाद भी यहां कई गांव बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे है। इन्हीं गांवों में से एक जनपद उत्तरकाशी मोरी विकासखंड का सटुडी गांव जहां आज भी ग्रामीणों को सड़क मार्ग से 7 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।सड़क से ज्यादा दूरी के कारण प्रायमरी से आगे बच्चे पढाई नहीं कर पाते। सम्पर्क मार्ग पर पुल न होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेसानियों का सामना करना पडता है। सबसे बड़ी परेसानी तब आती है जब गांव में काई बीमार हो जाता है या गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पंहुचाना होता है।क्योंकि सड़क मार्ग की दूरी अधिक होने के साथ ही यहां पर आम रास्तों की हालत भी बहुत खतरनाक बनी हुई है।सामान ढोने वाले घोडे व खच्चर के अलावा अन्य जानवरों के रास्ते में गिरने का भय बना रहता है।
ग्रामीण युवा नेता सतपाल सिंह ने क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों पर आरोप लगाया है कि ग्रामीणों की मूलभूत समस्यायें उनके संज्ञान में होते हुऐ भी वह जानबूझ कर अंजान बने हुऐ है।विधायक दुर्गेश लाल,जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक विजल्वान,जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत,व्लाक प्रमुख बचन पंवार,ग्राम प्रधान सटुडी द्वारा इस गांव की अनदेखी की जा रही है।
उन्होनंे कहा कि सटुडी गांव को तीर्थाटन और पर्यटन से जोडकर पर्यटन का हब बनाया जा सकता है।क्योंकि इस गांव में विणासू माता के प्रसिद्व मंदिर के अलावा सातधारा पानी का प्राकृतिक स्रोत है।प्रसिद्व विणासू माता मंदिर में हजारों लोग दर्शन के लिए आते है,लेकिन उन्हें भी यहां आने जाने में भारी परेसानियों को सामना करना पड़ता है। बुनियादी सुख सुविधाओ के कारण यहां पर युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने शासन प्रसाशन से गुहार लगाई है कि उनकी तमाम समस्यों का समाधान जल्द किया जाय ताकि ग्रामीणों को परेसानियों का सामना न करना पडे़