हिमवन्त फांउडेसन सोसायटी कार्यालय भ्रमण के दौरान स्कूली छात्राओं ने सिखा मिट्टी व गोबर के उपयोग





दुनियांभर में बढ़ती जनसंख्या के साथ साथ पर्यावरण प्रदूषण की समस्या गहरती जा रही है। कचरा प्रबंधन वर्तमान समय में एक विश्वव्यापी समस्या के तौर पर सामने आ रही है। अत्याधिक प्लास्टिक (पॉलीथीन) के प्रयोग से जहां हवा व पानी सबसे ज्यादा प्रदूषित हो रहा है वही अत्याधिक कीटनासकों के प्रयोग के कारण मिट्टी उर्वरा शक्ति लगातार झीण होती जा रही है। इस समस्या के निराकरण के लिए पर्यावरण संरक्षण में व मिट्टी बचाओं अभियान में कई स्वंयसेवी संस्थायें गंभीरता से जुटी हुई है। इन्हीं संस्थाओं में एक हिमवन्त फाउंडेसन संस्था द्वारा मंदिरों में प्रयोग होने वाली सिन्थेटिक चुन्नी की जगह सूती चुन्नी के प्रयोग के लिए अथक प्रयास किये जा रहे है। साथ ही मिट्टी बचाओं अभियान के लिए भी लगातार जन जगरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
इसी क्रम में हिमवन्त फांउडेसन सोसायटी हरिद्वार बाईपास रोड़ देहरादून द्वारा स्कूली बच्चों के लिए 10 दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
इस कार्यक्रम की शुरवात 11 नवंम्बर को रूम टू रीड़ संस्था द्वारा राजकीय इंटर कॉलेज लक्खीबाग की छात्राओं ने हिमवंत फाउंडेसन सोसायटी के कार्यालय का भ्रमण कराया गया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न प्रकार के हस्त निर्मित सामानों के निर्माण की प्रक्रिया देखी,जिसमें जूट के बैग,साबुन निमार्ण,गाय के गोबर से बनने वाले की वस्तुयंे,डिजाईनर मोमबत्ती के निमार्ण की प्रक्रिया प्रमुख थी। साथ ही हिमवन्त फाउंडेसन सोसायटी की संस्थापिका संगीता थपलियाल ने छात्राओं को आर्थिक रूप कमजोर महिलाओं को स्वरोजगार के जरिये सशक्त बनाने पर्यावरण संरक्षण व मिट्टी बचाओं की जानकारी दी। संगीता थपलियाल ने कहा कि वायु और जल प्रदूषण से जरूरी मिट्टी को बचाना है ताकि वायु और जल प्रदूषण से बचा जा सके।
वही स्कूली बच्चों ने इस कार्यक्रम को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेते हुए कहा कि पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है,हमारी मिट्टी इतनी खराब हो रही है हमें पहले पता नहीं था लेकिन आज हमें पता चला कि हमने अगर मिट्टी नहीं बचाई तो मानव जीवन खतरे में पड़ सकता है।
कार्यक्रम के दौरान रूम टू रीड़ संस्था की प्रतिनिधि रेखा गैरोला व रंजीता ने कहा कि हिमवन्त फाउंडेसन सोसायटी के द्वारा रिसाईकिल का जो कार्य किया जा रहा है वह सराहनीय है गोबर से बनाये जाने वाले मूर्तियां दिये आदि बनाये जाने वाले है जिससे बच्चे खुद बनाने की सीख लेकर जा रहे।
कार्यक्रम के दौरान हिमवन्त फाउंडेसन की संस्था के सहयोगी आलोक शर्मा,आशीष भट्ट,रंजिता गिरी,नीती,अर्चना,सोनी पंचवाल मौजूद रहे।

