पर्यावरण संरक्षण के साथ महिला सशक्तिकरण में जुटी हिमवंन्त फाउंडेशन सोसायटी





पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित हिमवंत फाउंडेसन सोसायटी अब महिला सशिक्तिकरण अभियान में जुट गई है। बीते कई वषों से पर्यावरण के क्षेत्र में सराहनीय पहल में जुटी यह संस्था अपने मकसद में काफी हद तक सफल हो चुकी है। पर्यावरण बचाने की मुहिम में यदि हिमवंत फाउंडेशन सोसायटी को राज्य व केन्द्र सरकारों का सहयोग मिल जाय तो यहां क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिल सकते है।
वही महिला शस्कितीकरण अभियान के तहत हिमवंत फाउंडेसन सोसायटी के हरिद्वार बाई पास देहरादून स्थित कार्यालय में सरस्वती जनकल्याण समिति के सहयोग से नेसनल जूट बोर्ड द्वारा महिलाओं को जूट के डिजाइनर बैग,फाईल फोल्डर,पर्स,टोपी,फैन्सी बैग,लेपटॉप बैग,फूलों के डिजाईन सिखाये गये। इन महिलाओं में अधिकतर नारी निकेतन की विकलांग महिलायें है। हिमवंत फाउंडेसन सोसायटी की संस्थापिका अध्यक्ष संगीता थपलियाल का कहना है कि,यह पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ महिलाओं को आर्थिक रूप से सस्क्त बनाने की मुहिम है। ताकि समाज की गरीब व जरूरतमंद महिलायें आत्मनिर्भर हो सके।
वही कोल्कत्ता से इन महिलाओं को प्रशिक्षण देने पंहुची नेसनल जूट बोर्ड की इम्पैनल्ड डिजाइनर सुनैला चर्टजी इस कार्यक्रम से बहुत खुश नजर आई। सुनैला चर्टजी का कहना है कि नारी निकेतन की इन विकलांग महिलाओं में सीखने की बहुत ललक है। हमने इन्हें क्रम वार बैंग बनाने से लेकर फूलों के डिजाइन आदि सिखाये है। इनकी लगन को देखते हुऐ लगता है कि ये आत्मनिर्भरता के साथ साथ समाज को भी बहुत कुछ दे सकते है।
हिमवंत फाउंडेसन सोसायटी हरिद्वार बाई पास देहरादून में आयोजित नेसनल जूट बोर्ड के सौजन्य से चला यह 49 दिवसीय जूट बैंग प्रसिक्षण समाज की जरूरत मंद व गरीब महिलाओं के वरदान साबित होगा इस बात में काई दो राय नहीं है। इस कार्यक्रम से न सिर्फ महिलायें समाज में आत्मनिर्भर बनेगी बल्कि यह प्लास्टिक के विकल्प के रूप में पर्यावरण को संरक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभायेगा। बहरहाल हिमवंत फाउंडेसन सोसायटी व सरस्वती जनकल्याण समिति की यह पहल काबिलेतारिफ है।
भानु प्रकाश नेगी, हिमवंत प्रदेश न्यूज देहरादून

